Delhi Red Fort Blast: 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर धमाका करने का था उमर नबी का मंसूबा
Delhi Red Fort Blast: फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब की गिरफ्तारी के कारण नबी की योजना धरी की धरी रह गई। 26 अक्टूबर को नबी कश्मीर गया था और फरीदाबाद लौटने से पहले अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ कुछ समय बिताया
28 साल का डॉक्टर नबी दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले का है।
10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट में शामिल कार को घटना के दौरान चला रहे डॉ. उमर नबी का इरादा 6 दिसंबर को एक शक्तिशाली विस्फोट करने का था। यह वही तारीख है, जब साल 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ था। अधिकारियों का कहना है कि अंतरराज्यीय जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकी मॉड्यूल से कथित संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार 8 लोग गिरफ्तार किए गए हैं और पूछताछ की गई है। साथ ही उनके परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों से बातचीत की गई है। इसी के आधार पर इस षडयंत्र की डिटेल के बारे में पता चला।
प्लानिंग कुछ इस तरह थी कि सबसे पहले जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का गठन किया जाए। फिर प्लानिंग के अगले चरण थे- हरियाणा के नूह और गुरुग्राम से इंप्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाने और गोला-बारूद की व्यवस्था के लिए कच्चे माल की खरीद, IED को तैयार करना, संभावित टारगेटेड लोकेशंस की टोह लेना, मॉड्यूल के सदस्यों के बीच असेंबल किए गए बमों को बांटना और आखिर में दिल्ली में 6 से 7 स्थानों पर बम विस्फोटों को अंजाम देना।
28 साल का डॉक्टर नबी दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले का है। उसके कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले आतंकवादी नेटवर्क का प्रमुख सदस्य होने की बात सामने आई है। वह 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला के पास हुंडई आई20 कार में हुए विस्फोट में मारा गया। धमाके में 12 लोगों की जान गई है और 30 घायल हैं।
फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब की गिरफ्तारी के कारण नबी की योजना धरी की धरी रह गई। मुसैब के कमरे से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि नबी घबरा गया था और लाल किले पर धमाका दुर्घटनावश हुआ।
नबी में यूं पैदा हुई कट्टरपंथ की भावना
अधिकारियों के अनुसार, नबी का एकेडेमिक रिकॉर्ड बहुत अच्छा था। उन्होंने दावा किया कि गनई के साथ 2021 में तुर्किये की यात्रा ने उसके अंदर नाटकीय बदलाव और कट्टरपंथ की भावना पैदा की। गनई जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 8 लोगों में पहला व्यक्ति था। माना जा रहा है कि तुर्किये की यात्रा के दौरान गनई और नबी की मुलाकात प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय कार्यकर्ताओं से हुई।
यात्रा के बाद, बदले हुए नबी ने गनई के साथ मिलकर अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित विस्फोटक कथित तौर पर इकट्ठा करना शुरू कर दिया। उन्हें अल फलाह परिसर में और उसके आसपास रखने लगा, जहां वह उच्च शिक्षा हासिल कर रहा था। अधिकारियों के अनुसार, नबी ने दिसंबर में अपने आतंकी मंसूबे के बारे में दूसरों को बताया और 10 नवंबर को जिस हुंडई आई20 कार को वह चला रहा था, उसमें विस्फोटक सामग्री रखकर इसकी तैयारी शुरू कर दी।
अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा लगता है कि वह इंटरनेट पर मौजूद फ्री सोर्सेज से इसके बम बनाने और विस्फोट करने में सहायक सर्किट के बारे में सीखने के बाद एक व्हीकल-बोर्न इंप्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (VBIED) तैयार कर रहा था। अधिकारियों का मानना है कि नबी 10 नवंबर को उस समय घबरा गया होगा, जब फरीदाबाद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने टेलीविजन पर घोषणा की कि वहां 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद करके एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है। इसके बाद नबी ने चारदीवारी वाली एक मस्जिद में पनाह ली, जहां वह सोमवार शाम 3 घंटे रुका और फिर गाड़ी चलाते हुए निकल गया, जिसमें समय से पहले ही धमाका हो गया। VBIED भी अधूरा था, क्योंकि छर्रे जोड़े जाने बाकी थे।
गिरफ्तार किए गए 8 लोगों में से 7 कश्मीर से हैं। इनमें श्रीनगर के नौगाम से आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद, शोपियां से मौलवी इरफान अहमद, गांदरबल के वाकुरा इलाके से जमीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलाशा, पुलवामा के कोइल इलाके से डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब और कुलगाम के वानपोरा इलाके से डॉ. अदील शामिल हैं। वहीं, डॉ. शाहीन सईद लखनऊ से है।
26 अक्टूबर को गया था कश्मीर
अधिकारियों ने बताया कि 26 अक्टूबर को नबी कश्मीर गया था और फरीदाबाद लौटने से पहले अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ कुछ समय बिताया। इस यात्रा के दौरान उसने अपने करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों से कहा था कि वह अगले तीन महीनों तक उपलब्ध नहीं रहेगा। इस बयान की पुष्टि उसके कई दोस्तों, रिश्तेदारों और पुलिस के सामने पेश किए गए अन्य सह-आरोपियों ने की है। ऐसा लगता है कि वह VBIED की योजना बनाकर नबी कुछ समय के लिए अंडरग्राउंड हो जाना चाहता था।
हालांकि, श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के सपोर्ट में पोस्टर लगाने के एक मामले में श्रीनगर पुलिस की जांच के बाद गनई गिरफ्तार हो गया और योजना ने ‘यूटर्न’ ले लिया। पोस्टर 19 अक्टूबर को शहर की दीवारों पर चिपकाए गए थे। यहीं से जांच शुरू हुई। सीसीटीवी फुटेज में गनई और कुछ अन्य लोगों को इस काम में शामिल देखा गया, जिसके बाद अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ।