Delhi Red Fort Blast: दिल्ली लाल किला ब्लास्ट साजिश का खुलासा, 8 आतंकियों ने रची थी चार शहरों में धमाकों की योजना

Delhi Red Fort Blast: दिल्ली के लाल किले में हुए आतंकी विस्फोट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, अधिकारियों ने खुलासा किया है कि कम से कम 8 संदिग्ध आतंकवादियों ने चार शहरों में हमले की योजना बनाई थी और "कुछ जबरदस्त" करने के लिए लगभग 26 लाख रुपये जुटाए थे।

अपडेटेड Nov 13, 2025 पर 11:30 AM
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दिल्ली लाल किला ब्लास्ट साजिश का खुलासा, 8 आतंकियों ने रची थी चार शहरों में धमाकों की योजना

Delhi Red Fort Blast: दिल्ली के लाल किले में हुए आतंकी विस्फोट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, अधिकारियों ने खुलासा किया है कि कम से कम 8 संदिग्ध आतंकवादियों ने चार शहरों में हमले की योजना बनाई थी और "कुछ जबरदस्त" करने के लिए लगभग 26 लाख रुपये जुटाए थे। अधिकारियों ने बताया कि सभी आठ संदिग्ध आतंकवादियों ने दो-दो के समूहों में चार शहरों में जाने की योजना बनाई थी, और प्रत्येक समूह को कई IED ले जाने का काम सौंपा गया था।

दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी डॉ. उमर उन नबी, डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील और डॉ. शाहीन ने मिलकर 26 लाख रुपये नकद जुटाए, जो उमर को सौंप दिए गए। बाद में उन्होंने गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से 3 लाख रुपये का लगभग 26 क्विंटल एनपीके (NPK) फर्टिलाइजर खरीदा, जिसका इस्तेमाल IED तैयार करने के लिए किया जाना था।

सूत्रों के अनुसार, डॉ. उमर उन नबी ने विवादित ढांचे (अयोध्या-बाबरी मस्जिद मामले) के विध्वंस का बदला लेने के लिए 6 दिसंबर के आसपास विस्फोट की योजना बनाई थी, हालांकि, डॉ. मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद उनकी योजना विफल हो गई।


कैसे अल-फला यूनिवर्सिटी बनी आतंकी साजिश का अड्डा

चल रही जांच के अनुसार, अल-फला यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग नंबर 17 आतंकियों की बैठकों का प्रमुख ठिकाना बन गई थी। बताया जा रहा है कि ये बैठकें उसी बिल्डिंग के रूम नंबर 13 में होती थीं। जहां दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर बम विस्फोट करने की साजिश रची जा रही थी।

बताया यह भी गया कि कमरा नंबर 13 पुलवामा के डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गाई का था, जहां वह नियमित रूप से अन्य 'कट्टरपंथी' डॉक्टरों से मिलता था। एजेंसियों ने यह भी संकेत दिया है कि IED की क्षमता बढ़ाने के लिए यूनिवर्सिटी की प्रयोगशाला से कुछ केमिकल लिए गए थे और मुजम्मिल के कमरे में लाए गए थे।

फिलहाल, पुलिस ने उस कमरे को सील कर दिया है और वहां से कई उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किए हैं।

संदिग्धों ने अमोनियम नाइट्रेट कैसे निकाला

रिपोर्टों से पता चलता है कि विस्फोटक पदार्थ अमोनियम नाइट्रेट नूह के खुले बाजारों से खरीदे गए फर्टिलाइजर से निकाला गया था। सुरक्षा एजेंसियों ने नूह में तलाशी ली है, और बताया जा रहा है कि इन बाजारों की पहचान डॉ. मुजम्मिल ने की थी। वहीं, यह जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस की वीडियोग्राफी पर आधारित बताई जा रही है।

इसी दौरान, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने नूंह और मेवात क्षेत्रों में समन्वित तौर पर तलाशियां भी कीं।

क्या अल-फलाह यूनिवर्सिटी की फंडिंग की जांच होगी?

सूत्रों के मुताबिक, अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी को प्राप्त फंडिंग और दान की अब जांच की जा रही है। अब तक, राज्य पुलिस ने कार विस्फोट की जांच के सिलसिले में यूनिवर्सिटी परिसर की तलाशी ली है।

हालांकि, माना जा रहा है कि अब यूनिवर्सिटी के फंड, दान और वित्तीय रिकॉर्ड की जांच विशेष जांच एजेंसियां करेंगी। ये एजेंसियां जल्द ही इन सभी लेन-देन का विस्तृत ऑडिट (जांच) शुरू कर सकती हैं।

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