Delhi Red Fort Blast: 10 नवंबर की शाम दिल्ली के लाल किले के पास एक कार में भीषण विस्फोट हुआ था, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे की जांच NIA कर रही है और अब इसमें एक बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को पता चला है कि इस हमले का मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर नबी, विस्फोट से ठीक तीन दिन पहले ही अपना फोन बंद करके अंडरग्राउंड हो गया था। उसका परिवार भी उससे संपर्क नहीं कर पा रहा था। माना जा रहा है कि उमर नबी ने सोमवार शाम हुए विस्फोट में जान गंवा दी।
गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो गया था डॉ. उमर नबी
NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार, संदिग्ध आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी तब अंडरग्राउंड हो गया, जब उसे पता चला कि पुलिस उसकी तलाश कर रही है। नबी की तलाश डॉ. आदिल और डॉ. मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई थी। इन दोनों डॉक्टरों से पूछताछ के बाद ही हरियाणा के फरीदाबाद से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री अमोनियम नाइट्रेट बरामद की गई थी।
विस्फोट में इस्तेमाल की गई सफेद हुंडई i20 कार कथित तौर पर पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी ही चला रहा था। शुरुआती जांच में नबी के तार फरीदाबाद में विस्फोटक जब्त किए जाने वाले आतंकी मॉड्यूल से जुड़े मिले हैं।
DNA सैंपल से की जाएगी पहचान की पुष्टि
इस विस्फोट को अब एक बड़ी आतंकी साजिश के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी की मौत सोमवार शाम हुए विस्फोट में हो गई। नबी की पहचान की पुष्टि करने के लिए, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को उनकी मां से DNA सैंपल लिया है। श्रीनगर के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, 'ब्लास्ट स्थल पर मिले अवशेषों से मिलान करने के लिए हमने DNA सैंपल लिया है।'
हमले से पहले हुआ था आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़
लाल किला के पास यह विस्फोट उस दिन हुआ, जिसके कुछ ही घंटे पहले पुलिस ने एक बड़े 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। इस कार्रवाई में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया था। इस मॉड्यूल में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठन शामिल थे और इसका जाल कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था। गिरफ्तार किए गए लोगों में डॉ. मुजम्मिल गनाई और डॉ. शाहीन सईद भी शामिल थे, जिनका संबंध फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से था। इसी यूनिवर्सिटी से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया था।
गृह मंत्री अमित शाह ने NIA को सौंपी जांच
दिल्ली में हुए लाल किला कार विस्फोट मामले की जांच अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है। यह महत्वपूर्ण फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। यह धमाका उस दिन हुआ, जब पुलिस ने उसी दिन आठ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें तीन डॉक्टर शामिल थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में डॉ. मुजम्मिल गनाई और डॉ. शाहीन सईद भी थे, जो फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। पुलिस ने इसी यूनिवर्सिटी से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट भी बरामद किया था, जिसने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल की ओर इशारा किया था।