क्या अंडे खाने से हो सकता है कैंसर? FSSAI ने जारी किया स्पष्टीकरण; लोगों से की पैनिक न होने की अपील

FSSAI On Eggs: पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर खबरें चल रही थीं कि अंडों में नाइट्रोफ्यूरान मेटाबोलाइट्स (AOZ) जैसे कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए गए है। FSSAI ने स्पष्ट किया कि 2011 के नियमों के तहत पोल्ट्री और अंडा उत्पादन के किसी भी चरण में नाइट्रोफ्यूरान का उपयोग सख्ती से प्रतिबंधित है

अपडेटेड Dec 20, 2025 पर 4:08 PM
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FSSAI ने साफ किया कि भारत की रेगुलेटरी व्यवस्था यूरोपीय संघ और अमेरिका जैसे दुनिया के बेहतरीन मानकों के बराबर है

FSSAI: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने शनिवार को देश में मिलने वाले अंडों को लेकर एक बड़ा बयान जारी किया है। FSSAI ने उन दावों को पूरी तरह से 'भ्रामक और अवैज्ञानिक' करार दिया है, जिनमें अंडे खाने से कैंसर होने की बात कही जा रही थी। रेगुलेटरी ने स्पष्ट किया कि भारतीय बाजारों में मिलने वाले अंडे उपभोग के लिए पूरी तरह सेफ हैं और ऐसी अफवाहें केवल लोगों में डर पैदा करने के लिए फैलाई जाती है।

क्या है पूरा मामला?

पिछले कुछ दिनों से मीडिया और सोशल मीडिया पर खबरें चल रही थीं कि अंडों में नाइट्रोफ्यूरान मेटाबोलाइट्स (AOZ) जैसे कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए गए है। FSSAI ने स्पष्ट किया कि 2011 के नियमों के तहत पोल्ट्री और अंडा उत्पादन के किसी भी चरण में नाइट्रोफ्यूरान का उपयोग सख्ती से प्रतिबंधित है। अधिकारियों ने बताया कि 1.0 µg/kg की सीमा केवल इसलिए रखी गई है ताकि लैब में इसकी जांच की जा सके। अगर किसी सैंपल में इस सीमा से नीचे अंश मिलते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि अंडा असुरक्षित है या स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा है।


अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है भारत के नियम

FSSAI ने साफ किया कि भारत की नियामक व्यवस्था दुनिया के बेहतरीन मानकों (जैसे यूरोपीय संघ और अमेरिका) के बराबर है। अमेरिका और यूरोप में भी खाद्य पशुओं में नाइट्रोफ्यूरान प्रतिबंधित है। अलग-अलग देशों में इसकी न्यूमेरिकल लिमिट वहां की लैबोरेटरी तकनीक के आधार पर अलग हो सकती है, लेकिन सुरक्षा के नियम एक समान हैं। किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्था ने सामान्य अंडा उपभोग और कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं पाया है।

'एक ब्रांड की खराबी पूरे मार्केट का पैमाना नहीं'

हाल ही में एक विशेष ब्रांड के अंडों की टेस्टिंग रिपोर्ट को लेकर भी चर्चा हुई थी, जिस पर FSSAI ने स्थिति साफ की। अधिकारियों ने कहा कि किसी एक बैच या ब्रांड में मिली खामी फीड (चारे) या आकस्मिक संदूषण के कारण हो सकती है। इसे पूरे देश की सप्लाई चेन पर लागू करना और 'अंडों को असुरक्षित' कहना वैज्ञानिक रूप से गलत है।FSSAI ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया के दावों के बजाय आधिकारिक सलाह और वैज्ञानिक तथ्यों पर भरोसा करें।

सेहत का खजाना है अंडा

FSSAI ने दोहराया कि अंडे संतुलित आहार का एक सेफ और पौष्टिक हिस्सा है। इसमें मौजूद प्रोटीन और विटामिन सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अगर इन्हें नियमों के पालन के साथ उत्पादित और सेवन किया जाए, तो यह पूरी तरह सुरक्षित हैं।

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