H-1B Visa Crisis: भारत में फंसे हजारों IT प्रोफेशनल्स, H-1B Visa के लिए नई जांच नीति से बढ़ी परेशानी, नौकरी जाने का है भी डर

H-1B Visa Delays: दिसंबर से फरवरी के बीच भारत आए हजारों प्रोफेशनल्स की अपॉइंटमेंट अचानक रद्द कर दी गई हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई मामलों में नई तारीखें मध्य-2026 या 2027 तक खिसका दी गई हैं। ये वे लोग हैं जो सालों से अमेरिका में रह रहे हैं और वहां अपना घर-परिवार बसा चुके हैं। लंबे समय तक ऑफिस से दूर रहने के कारण उन्हें अपनी जॉब खोने का डर सता रहा है

अपडेटेड Dec 21, 2025 पर 8:28 AM
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अमेरिकी विदेश विभाग ने ट्रंप प्रशासन के नए निर्देशों के तहत 'ऑनलाइन प्रेजेंस रिव्यू' शुरू किया है

H-1B Visa Crisis: अमेरिका में काम करने वाले हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स इस समय बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। अपने वीजा के रिन्यूअल के लिए भारत आए इन लोगों की अपॉइंटमेंट अमेरिकी दूतावासों ने अचानक रद्द कर दी हैं। अब उन्हें महीनों, यहां तक कि साल भर बाद की तारीखें दी जा रही हैं, जिससे उनकी अमेरिका वापसी और नौकरी पर तलवार लटक गई है।

सोशल मीडिया की 'गहरी जांच' बनी वजह

अमेरिकी विदेश विभाग ने ट्रंप प्रशासन के नए निर्देशों के तहत 'ऑनलाइन प्रेजेंस रिव्यू' शुरू किया है। इसके तहत वीजा अधिकारियों को आवेदक के सोशल मीडिया अकाउंट्स की बारीकी से जांच करनी पड़ रही है। इस नई और सख्त प्रक्रिया में काफी समय लग रहा है, जिसकी वजह से इंटरव्यू की तारीखों को आगे बढ़ाया जा रहा है।


2026-27 तक मिली तारीखें

दिसंबर से फरवरी के बीच भारत आए हजारों प्रोफेशनल्स की अपॉइंटमेंट अचानक रद्द कर दी गई हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई मामलों में नई तारीखें मध्य-2026 या 2027 तक खिसका दी गई हैं। ये वे लोग हैं जो सालों से अमेरिका में रह रहे हैं और वहां अपना घर-परिवार बसा चुके हैं। वीजा एक्सपायर होने के कारण वे फिलहाल वापस अमेरिका नहीं जा पा रहे हैं।

नौकरी और करियर पर संकट

इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि इस देरी से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अमेरिका की एक नामी इमिग्रेशन फर्म के मुताबिक, उनके कम से कम 100 क्लाइंट्स भारत में फंसे हुए हैं। प्रभावित होने वालों में ज्यादातर 30 से 40 साल की उम्र के टेक वर्कर्स हैं। लंबे समय तक ऑफिस से दूर रहने के कारण उन्हें अपनी जॉब खोने का डर सता रहा है।

वहीं इस पर अटलांटा और भारत के कानून विशेषज्ञों का कहना है कि अचानक आए इन नियमों ने उन आईटी प्रोफेशनल्स को सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई है, जो सालों से अमेरिका की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। सिर्फ मुख्य वर्कर ही नहीं, बल्कि उनके परिवार (H-4 वीजा धारक) भी इस अनिश्चितता के बीच भारत में रुके हुए हैं।

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