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भारत के 61% हिस्से में भूकंप का खतरा बढ़ा! नया सिस्मिक जोन मैप देख वैज्ञानिक भी दहले!

विनीत गहलौत, जो वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के डायरेक्टर हैं, ने बताया कि यह अपडेट बहुत जरूरी था क्योंकि पहले हिमालयी क्षेत्र को दो अलग-अलग जोन (जोन 4 और 5) में बांटा गया था, जबकि पूरे क्षेत्र में भूकंपीय तनाव लगभग एक जैसा है। पुराने मैप में कई फॉल्ट लाइनों (दरारों) के खतरे को कम आंका गया था

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 28, 2025 पर 6:34 PM
भारत के 61% हिस्से में भूकंप का खतरा बढ़ा! नया सिस्मिक जोन मैप देख वैज्ञानिक भी दहले!
Earthquake: भारत के 61% हिस्से में भूकंप का खतरा बढ़ा! नया सिस्मिक जोन मैप देख वैज्ञानिक भी दहले!

भारत ने नया भूकंप जोन मैप जारी किया है, जिसमें पहली बार पूरी हिमालयी बेल्ट को सबसे ऊंची जोखिम श्रेणी  जोन 6 में रखा गया है। यह बदलाव भूकंप डिजाइन कोड के नए अपडेट के साथ किया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अब भारत के 61% हिस्से को मध्यम से लेकर बहुत ज्यादा भूकंप-जोखिम वाला क्षेत्र माना गया है।

यह नया मैप आने वाले समय में बिल्डिंग नियमों, इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के तरीके और शहरी योजना पर बड़ा असर डालने वाला है।

विनीत गहलौत, जो वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के डायरेक्टर हैं, ने बताया कि यह अपडेट बहुत जरूरी था क्योंकि पहले हिमालयी क्षेत्र को दो अलग-अलग जोन (जोन 4 और 5) में बांटा गया था, जबकि पूरे क्षेत्र में भूकंपीय तनाव लगभग एक जैसा है। पुराने मैप में कई फॉल्ट लाइनों (दरारों) के खतरे को कम आंका गया था।

यह नया बदलाव पिछले कई दशकों में भारत की भूकंप-जोखिम समझ में किया गया सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, अब यह माना जा रहा है कि बाहरी हिमालय में होने वाले बड़े भूकंप दक्षिण की ओर आगे बढ़ते हुए हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट तक पहुंच सकते हैं।

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