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वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए अब आधार लिंक्ड मोबाइल वेरिफिकेशन जरूरी, राहुल गांधी के सवालों के बाद ECI ने बदला नियम

Election Commission: चुनाव आयोग का यह कदम कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस आरोप के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र में करीब 6,000 वोट धोखाधड़ी से हटा दिए गए थे

अपडेटेड Sep 24, 2025 पर 12:45 PM
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अब किसी भी मतदाता को रजिस्टर करने या वोटर लिस्ट से नाम हटाने या सुधार के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर के जरिए अपनी पहचान वेरीफाई करनी होगी

ECI: चुनाव आयोग ने अब अपनी डिजिटल सेवाओं को और भी सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने अपने ECINet पोर्टल और एप्लिकेशन पर एक नया इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर फीचर शुरू किया है। इस नए नियम के तहत, अब किसी भी मतदाता को रजिस्टर करने या वोटर लिस्ट से नाम हटाने या सुधार के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर के जरिए अपनी पहचान प्रमाणित करनी होगी। ECI ने यह कदम विपक्ष के नेता राहुल गांधी के वोटर लिस्ट में हेरफेर के आरोपों के बाद आया है।

राहुल गांधी के आरोप के बाद ECI का बड़ा कदम

चुनाव आयोग का यह कदम कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस आरोप के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र में करीब 6,000 वोट धोखाधड़ी से हटा दिए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि अज्ञात लोगों ने सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके और असली मतदाताओं का रूप धारण कर यह काम किया। हालांकि, चुनाव आयोग ने इस पर जवाब देते हुए कहा था कि 'किसी भी व्यक्ति को नोटिस दिए बिना और उसे सुनवाई का अवसर दिए बिना उसका नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाता है।'


'ई-साइन' फीचर कैसे करेगा काम?

EC सूत्रों के अनुसार, 'ई-साइन' फीचर अगस्त के पहले सप्ताह में शुरू किया गया था। पहले, कोई भी व्यक्ति फॉर्म 6 (मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए) या फॉर्म 7 (नाम हटाने के लिए) का उपयोग करके एक साधारण फोन नंबर को अपने मौजूदा इलेक्टर फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) नंबर से जोड़कर आवेदन कर सकता था।

लेकिन अब, जरूरी जानकारी दर्ज करने के बाद, मतदाता को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (CDAC) द्वारा होस्ट किए गए एक बाहरी 'ई-साइन' पोर्टल पर रीडायरेक्ट किया जाएगा। यहां, उपयोगकर्ता को अपने आधार-लिंक्ड फोन नंबर पर भेजे गए ओटीपी (OTP) के माध्यम से अपने आधार को प्रमाणित करना होगा। एक बार यह प्रमाणीकरण पूरा हो जाने पर, उपयोगकर्ता को वापस चुनाव आयोग की साइट पर भेज दिया जाएगा।

चुनाव आयोग ने खारिज किए थे 5,994 आवेदन

राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने यह भी खुलासा किया कि आलंद में मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए 6,000 से अधिक आवेदन जमा किए गए थे, लेकिन जांच के बाद केवल 24 ही वैध पाए गए और उन्हें मंजूरी दी गई। बाकी 5,994 आवेदनों को सत्यापन के बाद खारिज कर दिया गया था। आयोग ने स्वयं इन संदिग्ध प्रयासों की जांच के लिए एक प्राथमिकी (FIR) भी दर्ज की थी। मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अनुसार, किसी भी व्यक्ति का नाम बिना नोटिस दिए और सुनवाई का मौका दिए बिना मतदाता सूची से नहीं हटाया जाता है।

Abhishek Gupta

Abhishek Gupta

First Published: Sep 24, 2025 12:34 PM

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