Ethiopian Volcano: 12,000 साल बाद फटा इथियोपिया हेली गुब्बी ज्वालामुखी! दिल्ली तक उड़ कर आ रही राख, राजधानी की हवा होगी और खराब?
Hayli Gubbi Volcano: इथियोपिया के अफार इलाके में हेली गुब्बी नाम का एक ज्वालामुखी है। यह बहुत दूर और सुनसान इलाके में एक ढालाकार ज्वालामुखी है, जो एर्टा एले ज्वालामुखी श्रृंखला का सबसे दक्षिणी हिस्सा बनाता है। यह समुद्र तल से लगभग 493 मीटर की ऊंचाई पर है
Ethiopian Volcano: 12,000 साल बाद फटा इथियोपिया हेली गुब्बी ज्वालामुखी! दिल्ली तक उड़ कर आ रही राख
इथियोपिया का हेली गुब्बी ज्वालामुखी, जो 12,000 से ज्यादा सालों से सुस्त पड़ा था, इतिहास में पहली बार फटा है। बताया जा रहा है कि विस्फोट का असर इतना जबरदस्त था कि राख का एक गुबार आसमान में 10-15 किलोमीटर तक उठ गया। ताजा रिपोर्टों के अनुसार, ज्वालामुखी से निकलने वाली राख भारत की ओर बढ़ रही है और पश्चिमी और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में प्रवेश करने लगी है। इस घटना के बाद एयरलाइनों और एयरपोर्ट अधिकारियों ने यात्रियों को एहतियाती नोटिस जारी किए हैं।
अकासा एयर, इंडिगो, एयर इंडिया और केएलएम उन एयरलाइनों में शामिल हैं, जिन्होंने मंगलवार को राख के कारण कुछ फ्लाइट रद्द कर दीं। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने का असर पश्चिम एशियाई के एयर स्पेस के कुछ हिस्सों पर पड़ रहा है और कुछ इंटरनेशनल रूट पर भी इसका असर पड़ सकता है।
नेशनल रेगुलेटर, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सोमवार को चेतावनी जारी की, जब यह साफ हो गया कि राख का बादल भारत की ओर बढ़ रहा है। नतीजतन, कई फ्लाइट या तो लेट हो गईं या रद्द कर दी गईं। इनमें खाड़ी देशों से भारत आने वाली फ्लाइट भी शामिल थीं। भारत से पड़ोसी एशियाई देशों के लिए भी कुछ फ्लाइट प्रभावित हुई हैं।
DGCA की चेतावनी में सभी एयरलाइन से ज्वालामुखी राख से प्रभावित इलाकों और उड़ान स्तरों से बचने और नई एडवाइजरी के आधार पर प्लानिंग, रूट और ईंधन संबंधी विचारों को समायोजित करने को कहा गया है।
क्या दिल्ली की हवा पर इसका असर पड़ेगा?
साफ शब्दों में कहें तो- नहीं। ज्वालामुखी के धुएं को सांस के जरिए अंदर लेने पर यह इंसानों के लिए जानलेवा हो सकता है।
लेकिन क्योंकि बादल काफी ऊंचाई पर है - 25,000 से 45,000 फीट के बीच - इसलिए दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स पर इसका असर पड़ने की आशंका नहीं है, जो पहले से ही जहरीली हवा के संकट से जूझ रहा है।
अगर इससे दिल्ली में जमीनी स्तर पर AQI में कुछ बदलाव होता भी है, तो वो बहुत ही कम होने की आशंका है। क्योंकि राख का बादल लगातार बहता और कमजोर होता जा रहा है।
CNN-News18 ने IMD के DG मृत्युंजय महापात्रा के हवाले से बताया कि ज्वालामुखीय राख के बादल के कारण दिल्ली में एयर क्वालिटी पर कोई महत्वपूर्ण असर पड़ने की संभावना नहीं है।
इस ज्वालामुखी का असर भले ही दिल्ली की हवा पर न पड़े, लेकिन एक स्वतंत्र मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि हाई SO2 लेवल ऊंचाई वाले देश जैसे नेपाल, हिमालय के कुछ हिस्सों और उत्तर प्रदेश के तराई इलाके प्रभावित कर सकता है।
हेली गुब्बी ज्वालामुखी क्या है?
इथियोपिया के अफार इलाके में हेली गुब्बी नाम का एक ज्वालामुखी है। यह बहुत दूर और सुनसान इलाके में एक ढालाकार ज्वालामुखी है, जो एर्टा एले ज्वालामुखी श्रृंखला का सबसे दक्षिणी हिस्सा बनाता है। यह समुद्र तल से लगभग 493 मीटर की ऊंचाई पर है।
हालांकि यह इलाका भूगर्भीय रूप से सक्रिय है, लेकिन हेली गुब्बी ने पिछले 10 से 12 हजार सालों (होलोसीन काल) में कोई भी ज्वालामुखी विस्फोट नहीं किया था, लेकिन हाल ही में ऐसा हुआ है। 23 नवंबर 2025 को इसमें एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जिसमें राख का गुबार लगभग 13 से 15 किलोमीटर (करीब 45,000 फीट) ऊंचाई तक गया और बड़ी मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड गैस निकली।
क्योंकि यह इलाका बहुत दूर है, इसलिए इस विस्फोट का पता मुख्य रूप से सैटेलाइड की मदद से लगाया गया। इस विस्फोट से निकला राख का बादल अब हवाई यात्रा के लिए खतरा बन गया है और यह लाल सागर को पार करते हुए ओमान, यमन, ईरान, भारत और पाकिस्तान जैसे इलाकों तक पहुंच गया है।