ताजे आंकड़ों से पता चलता है कि हाल के दिनों में भारत में विदेशी सैलानियों की दिलचस्पी घटी है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि जितने विदेशी सैलानी भारत में घूमने आते हैं,उससे करीब तीन गुना ज्यादा भारतीय विदेश घूमने जाते हैं। भारत में विदेशी सैलानियों की संख्या कोविड से पहले के स्तर पर भी नहीं पहुंची है। भारत में पर्यटन की एपेक्स बॉडी FAITH ने विदेशी सैलानियों की संख्या बढ़ाने को लेकर सरकार को कई सुझाव दिए हैं।
भारत आने वाले विदेशी सैलानियों
विदेशी सैलानियों के भारत आने की रफ्तार 2019 में कोविड के दौरान कम हुई लेकिन महामारी खत्म होने का बाद भी ये पटरी पर नहीं लौटी है। भारत में विदेशी सैलानियों की संख्या पर बात करें तो 2019 में भारत में 1.09 करोड़ विदेशी पर्यटक आए थे। 2020–21 में भारी गिरावट के बाद, 2022 में यह संख्या 64.4 लाख, 2023 में 95.2 लाख और 2024 में 99.5 लाख रही। यानी अभी भी 2019 के मुकाबले थोड़ी कमी है।
विदेश जाने वाले भारतीय सैलानी
लेकिन दिलचस्प बात ये है कि भारत से बाहर जाने वाले यात्रियों की संख्या इससे कहीं तेज़ बढ़ रही है। 2019 के 2.69 करोड़ भारतीय बाहर घूमने गए थे । यह संख्या 2024 में बढ़ कर 3.08 करोड़ पहुंच गई। पर्यटन उद्योग की शीर्ष संस्था FAITH ने अब सरकार से वीजा नियमों को आसान करने की मांग की है। साथ ही Incredible India कैंपेन दोबारा शुरु करने की मांग कर रही है।
भारत आने वाले लोगों में अमेरिका, बांग्लादेश और UK के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। अगर और पर्यटक आते हैं तो फायदा हॉस्पिटालिटी और एविएशन को भी होगा।
इंडिगो के सीईओ पीटर एलबर्स ने कहा "अतुल्य भारत" अभियान बहुत सफल रहा, लेकिन अभी और काम करना बाकी है। इस दिशा में एक बड़ा कदम वीज़ा सिस्टम को आसान बनाना है। तमाम देशों ने सफलतापूर्वक ऐसा किया भी है। इसके अलावा यात्रा की सुगमता में भी सुधार किया जाना चाहिए। वर्तमान में, भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या अन्य देशों की तुलना में कम है।
गौरतलब है कि भारत के मुकाबले थाईलैंड, वियतनाम और UAE जैसे देश आसान वीज़ा, सस्ते पैकेज और आक्रामक मार्केटिंग से विदेशी पर्यटकों को खींच रहे हैं। इंडस्ट्री मार्केटिंग डेवपमेंट असिस्टेंस (Marketing Development Assistance (MDA) योजना फिर शुरू करने की भी मांग कर रही है जिससे छोटे–मध्यम ऑपरेटर्स को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में मदद मिले।