नौगाम पुलिस स्टेशन धमाके के मामले में एक बड़ा ट्विस्ट आय है। श्रीनगर के SMHS अस्पताल में भर्ती एक झुलसे हुए व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान बिलाल अहमद वानी पुत्र अब्दुल मजीद के रूप में हुई, जो वानपोरा, काजीगुंड का रहना वाला है। उसका शव मेडिकल-लीगल प्रक्रिया पूरी करने के बाद काजीगुंड पुलिस स्टेशन की एक पुलिस टीम को औपचारिक रूप से सौंप दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, नौगाम पुलिस स्टेशन धमाके में बिलाल गंभीर रूप से झुलस गया था।
जांच में एक नया ट्विस्ट ये है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिलाल के बेटे दानिश बिलाल को गिरफ्तार किया है। CNN-News18 ने उच्चस्तरीय सूत्रों के हवाले से बताया, दानिश को कथित तौर पर डॉ. उमर ने ही कट्टरपंथी बनाया था और ट्रेनिंग भी दी गई थी। ऐसा आरोप है कि डॉ. उमर ने ही दिल्ली लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर कार ब्लास्ट को अंजाम दिया था।
जांजकर्ताओं को शक है कि दानिश को एक फिदायीन (आत्मघाती) मिशन के लिए तैयार किया जा रहा था, जो मॉड्यूल के इरादों की गंभीरता की ओर इशारा करता है।
CNN-News18 ने पहले खासतौर से बताया था कि साजिश में इस्तेमाल की गई गाड़ी पुलवामा के शंभूरा गांव से खरीदी गई थी, जो एक महत्वपूर्ण सुराग था जिसने जांचकर्ताओं को नेटवर्क की गतिविधियों को कम करने में मदद की। दक्षिण कश्मीर में जांच बढ़ने पर, कार खरीदने में मदद करने वाले व्यक्ति को सबसे पहले हिरासत में लिया गया।
दानिश की गिरफ्तारी और बिलाल की मौत के बाद, जांचकर्ता उन घटनाओं की कड़ियों को जोड़ने में लगे हैं, जिनके कारण आकस्मिक विस्फोट हुआ और ज्यादा विनाशकारी हमले की संभावना पैदा हुई।
NIA अब उमर से जुड़े बड़े नेटवर्क का पता लगाने और ऐसे दूसरे रंगरूटों की पहचान करने पर फोकस कर रही है, जिन्होंने इसी तरह का प्रशिक्षण लिया हो। जैसे-जैसे एजेंसियां इस मॉड्यूल की गतिविधियों के पूरे दायरे का पता लगाने में जुटी हैं, और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।