Yasin Malik: 'मनमोहन सिंह ने हाफिज सईद से मुलाकात के लिए मुझे धन्यवाद दिया...', यासीन मलिक का चौंकाने वाला दावा

Yasin Malik : दिल्ली हाईकोर्ट में 25 अगस्त को दाखिल किए गए एक हलफनामे में मलिक ने कहा कि, यह मुलाकात उसकी अपनी पहल पर नहीं हुई थी। उसने दावा किया कि यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच सिक्रेट शांति वार्ता का हिस्सा था और इसमें शामिल होने के लिए उसे सिनियर भारतीय खुफिया अधिकारियों ने कहा था

अपडेटेड Sep 19, 2025 पर 7:36 PM
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Yasin Malik : जेल में बंद जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के आतंकी यासीन मलिक ने एक चौंकाने वाला दावा किया है।

Yasin Malik : टेरर फंडिग मामले में जेल में बंद जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का नेता  यासीन मलिक ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। मलिक का दावा किया है कि, साल 2006 में  उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया और 26/11 हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद से मुलाकात की थी, तो उसके बाद उन्होंने खुद मलिक को धन्यवाद दिया था और आभार जताया था।

दिल्ली हाईकोर्ट में 25 अगस्त को दाखिल किए गए एक हलफनामे में मलिक ने कहा कि, यह मुलाकात उसकी अपनी पहल पर नहीं हुई थी। उसने दावा किया कि यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच सिक्रेट शांति वार्ता का हिस्सा था और इसमें शामिल होने के लिए उसे सिनियर भारतीय खुफिया अधिकारियों ने कहा था।

यासिन मलिक का चौंकाने वाला दावा 

यासीन मलिक के दावे के मुताबिक, 2005 में कश्मीर में आए बड़े भूकंप के बाद जब वह पाकिस्तान जाने की तैयारी कर रहा था, तो खुफिया ब्यूरो (आईबी) के उस समय के विशेष निदेशक वी. के. जोशी ने दिल्ली में उससे मुलाकात की थी। मलिक का कहना है कि जोशी ने उससे कहा था कि यह मौका सिर्फ पाकिस्तानी नेताओं से बात करने के लिए नहीं, बल्कि हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगनाओं से बातचीत करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाए। उनका कथित उद्देश्य था कि उस दौर के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की शांति पहल को आगे बढ़ाया जा सके और उसे मजबूती मिले।

यासीन मलिक का कहना है कि उन्हें साफ तौर पर समझाया गया था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी असरदार हो सकती है, जब आतंकी संगठनों के नेताओं को भी इसमें शामिल किया जाए। मलिक ने दावा किया कि इसी निर्देश के चलते उन्होंने पाकिस्तान में आयोजित एक कार्यक्रम में हाफिज सईद और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल के अन्य नेताओं से मिलने के लिए हामी भर दी।


हाफ़िज सईद से मुलाकात

अपने हलफनामे में यासीन मलिक ने बताया कि पाकिस्तान यात्रा के दौरान हाफिज सईद ने जिहादी संगठनों की एक बैठक बुलाई थी। इस सम्मेलन में सईद ने भाषण दिया और मौजूद आतंकियों से हिंसा छोड़कर शांति का रास्ता अपनाने की अपील की। मलिक के अनुसार, सईद ने इस्लामी शिक्षाओं का हवाला देते हुए कहा कि लड़ाई-झगड़े की जगह सुलह बेहतर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि “अगर कोई शांति का प्रस्ताव रखे, तो उसे स्वीकार करना चाहिए।”

प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया को लेकर ये दावा

यासीन मलिक के अनुसार, उनके हलफनामे का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा भारत लौटने के बाद की घटनाओं से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यात्रा से लौटने पर खुफिया ब्यूरो के साथ बातचीत के बाद उन्हें सीधा प्रधानमंत्री को जानकारी देने के लिए बुलाया गया। मलिक ने दावा किया कि उसी शाम उन्होंने दिल्ली में तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। उनका कहना है कि इस बैठक के दौरान सिंह ने उन्हें पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेताओं से बातचीत करने में दिखाई गई कोशिश, धैर्य और समर्पण के लिए व्यक्तिगत तौर पर धन्यवाद दिया।

जेल में बंद आतंकी यासीन मलिक ने एक तस्वीर का जिक्र किया, जिसमें वह मनमोहन सिंह से हाथ मिलाते दिखाई दे रहा है। मलिक का दावा है कि उस वक्त प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने उनसे कहा था कि वह उन्हें कश्मीर में अहिंसक आंदोलन का जनक मानते हैं।

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First Published: Sep 19, 2025 7:36 PM

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