Gadchiroli : महाराष्ट्र पुलिस को शुक्रवार को बड़ी कामयाबी मिली है। गढ़चिरौली जिले में पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ में चार कुख्यात माओवादी मारे गए हैं। मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने मौके से चार शवों के साथ एक स्वचालित सेल्फ-लोडिंग राइफल, दो .303 राइफल, एक भरमार बंदूक, वॉकी-टॉकी, कैंपिंग का सामान बरामद किया है। जानकारी के मुताबिक आज सुबह माओवादियों ने अचानक सी60 कमांडो पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की>
इस सफलता के बाद गढ़चिरौली पुलिस ने बताया कि, महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा के पास हाल ही में खोले गए एफओबी (फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस) कवांडे के आसपास माओवादियों की मौजूदगी की पक्की जानकारी मिलने पर यह अभियान चलाया गया। एडिशनल एसपी रमेश के नेतृत्व में सी60 कमांडो की 12 टीमें (करीब 300 जवान) और सीआरपीएफ के एक दल ने मिलकर कल दोपहर भारी बारिश के बीच कवांडे और नेलगुंडा से इंद्रावती नदी की ओर सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
आज सुबह माओवादियों ने अचानक सी60 कमांडो पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। करीब दो घंटे तक रुक-रुक कर गोलीबारी चलती रही, जिसमें चार माओवादी मारे गए। गढ़चिरौली पुलिस के मुताबिक, यह ऑपरेशन माओवादियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज
बता दें कि, इससे पहले 22 मई को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े अभियानों में से एक में सुरक्षाबलों को सफलता मिली था। बुधवार को बीजापुर और नारायणपुर जिलों की सीमा पर अबूझमाड़ के घने जंगलों में हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू समेत 27 नक्सलियों को मार गिराया।
इनमें 12 महिला नक्सली भी शामिल थीं। अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान के दौरान राज्य पुलिस की जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के दो जवान भी शहीद हो गए। यह मुठभेड़ सुरक्षाबलों की बड़ी रणनीतिक जीत मानी जा रही है और नक्सल आंदोलन के लिए यह एक बड़ा झटका है।