एक फ्रांसीसी लैजिस्लेटर ने पिछले महीने पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान एक भारतीय राफेल लड़ाकू विमान के नुकसान के संबंध में फ्रांस की नेशनल असेंबली (निचले सदन) में सवाल उठाए हैं। 20 मई को ऑफिशियल जर्नल में प्रकाशित एक लिखित प्रश्न में मार्क चावेंट नाम के एक लैजिस्लेटर ने यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री से इस घटना के स्ट्रेटेजिक और इंडस्ट्रियल असर पर प्रकाश डालने को कहा है । नाटो खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए फ्रांसीसी सांसद चावेंट (Chavent) ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान भारत को एक राफेल जेट का नुकासान हुआ।
चावेंट ने लिखा, "कई खुले और विशेष स्रोत, जिनमें अमेरिकी विश्लेषक और नाटो साझेदारों के खुफिया डेटा शामिल हैं, कम से कम एक भारतीय राफेल के नुकसान की पुष्टि कर रहे हैं। इस फाइटर को KLJ-10A AESA रडार से लैस पाकिस्तानी J-10C से छोड़े गए PL-15E मिसाइल द्वारा मार गिराया गया था।"
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने पिछले हफ्ते खुलासा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर हमला करते समय भारत ने कुछ लड़ाकू विमान खो दिए थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अपनी सामरिक गलतियों को समझा, उन्हें सुधारा और दो दिन बाद फिर से दुश्मन पर हमला किया। हालांकि, न तो CDS चौहान और न ही किसी दूसरे सैन्य अधिकारी ने इस संघर्ष के दौरान राफेल जेट के नुकसान की बात स्वीकार की है।
फ्रांसीसी असेंबली में किए गए अपने प्रश्न में चावेंट ने राफेल के डिफेंस सिस्टम के बारे में भी चिंता जताई। फ्रांसीसी लैजिस्लेटर ने यह भी पूछा है कि इस संघर्ष के दौरान राफेल में लगे SPECTRA इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है। इससे राफेल के तकनीकी बढ़त और एयरो स्पेस डिफेंस इंडस्ट्री में फ्रांसीसी लीडरशिप क्या असर पड़ सकता है।
बता दें कि राफेल जेट फाइटर्स में लगा स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वॉर फेयर सिस्टम इस फाइटर जेट को रडार-गाइडेड और इन्फ्रारेड-गाइडेड खतरों से बचाने के लिए एडवांस थ्रेट डिटेक्शन क्षमता देता है। इससे राफेल को जैमिंग और डिकॉय की क्षमता भी मिलती है।
फ्रांस सरकार ने अभी तक चावेंट के सवाल पर सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष देखने को मिला था। जिसकी शुरुआत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक हमले से हुई। पाकिस्तानी DGMO द्वारा भारतीय DGMO से संपर्क करने के बाद दोनों पक्षों के बीच संघर्ष विराम हो गया था। कई पाकिस्तानी एयरबेसों पर भारत के हवाई हमलों को संघर्ष में एक अहम मोड़ के रूप में देखा गया।
हालांकि इस संघर्ष के दौरान भारत को कुछ क्षति उठानी पड़ी। लेकिन चार दिनों की सैन्य कार्रवाई के दौरान हमारी सेनाओं ने पाकिस्तान को भारी क्षति पहुंचाई। रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस संघर्ष के दौरान भारतीय वायु सेना ने छह पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों, दो हाई वैल्यू निगरानी विमानों, एक सी-130 परिवहन विमान, 30 से अधिक मिसाइलों और कई ड्रोन नष्ट कर दिए थे।