Pakistan Spying Case: लाहौर में ट्रैवल एजेंसी चलाने वाली एक पाकिस्तानी महिला कारोबारी की पहचान भारतीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को पाकिस्तान में घुसने में मदद करने वाले एक व्यक्ति के रूप में की गई है। खूफिया सूत्रों के अनुसार, महिला कथित तौर पर भारत को निशाना बनाकर एक बड़े जासूसी नेटवर्क के लिए मंच तैयार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी महिला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए काम करती है। नोशाबा शहजाद लाहौर में 'जैयाना ट्रैवल एंड टूरिज्म (Jaiyana Travel and Tourism)' नाम की एक कंपनी चलाती हैं। वो ISI के कोडनेम 'मैडम एन (Madam N)' के नाम से जानी जाती है।
भारत ने देश भर में फैले एक संदिग्ध पाकिस्तान समर्थित जासूसी गिरोह पर शिकंजा कसा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश में कई ऐसे लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जो भारत की खुफिया जानकारी पाकिस्तानी अधिकारियों से शेयर कर रहे थे। यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) के बाद पुलिस ने जसबीर सिंह नाम के एक और यूट्यूबर को गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने बताया कि दोनों पूछताछ के दौरान नोशाबा शहजाद से जुड़े होने की बात मानी है। नोशाबा ने ही ज्योति मल्होत्रा समेत भारत के उन इन्फ्लुएंसर्स की मदद की जो पाकिस्तान जाना चाहते थे। इसके बाद उसने भारतीय यूट्यूबर्स को जासूसी के जाल में फंसाया।
भारतीयों को भेजती थी पाकिस्तान
वह पहले पाकिस्तान की यात्रा के बहाने भारतीयों को अपने जाल में फंसाती थी। फिर इन लोगों को ISI और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों से मिलवाती थी, ताकि संवेदनशील जानकारी हासिल की जा सके। ISI के भीतर 'मैडम एन' कोडनेम से जानी जाने वाली शहजाद ने हाल ही में गिरफ्तार की गई ज्योति मल्होत्रा और कई अन्य भारतीय इन्फ्लुएंसर्स की पाकिस्तान यात्रा की सुविधा प्रदान की। इससे पर्यटन की आड़ में उनकी सीमा पार आवाजाही संभव हो सकी।
खुफिया सूत्रों ने खुलासा किया कि गिरफ्तार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से पूछताछ के दौरान शहजाद की भूमिका एक स्लीपर सेल नेटवर्क को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में सामने आई है। 'मैडम एन' पर आरोप है कि वह भारत में कम से कम 500 'स्लीपर सेल' जासूसों का एक नेटवर्क खड़ा करने की साजिश में जुटी थीं। इन जासूसों को आम नागरिकों की तरह भारत में रहने और गतिविधियों को अंजाम देने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था।
भारत में बिछाया जासूसों का जाल
सूत्रों ने बताया कि शहजाद ने भारतीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की मुलाकात पाकिस्तान की सेना और ISI से करवाई। खासकर भारत में रहने वाले हिंदू और सिखों को टारगेट बनाकर पाकिस्तान बुलाया गया। NDTV के मुताबिक, बीते 6 महीनों में उन्होंने करीब 3,000 भारतीय नागरिकों और 1,500 प्रवासी भारतीयों (NRI) को पाकिस्तान की यात्रा करवाने में सहायता की। नौशाबा की ट्रैवल एजेंसी पाकिस्तान के इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) के साथ मिलकर सिख और हिंदू तीर्थयात्रियों को सुविधाएं देती थी। वह भारतीय तीर्थयात्रियों से भारी रकम भी वसूलती थी।
नोशाबा शहजाद की पहुंच दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास तक थी। वह वहां के फर्स्ट सेक्रेटरी (वीजा) सुहैल कमर और काउंसलर (ट्रेड) उमर शरयार से लगातार संपर्क में थीं। सूत्रों के मुताबिक वह केवल एक फोन पर किसी को भी वीजा दिलवा देती थी। नोशाबा का संपर्क ISI ऑपरेटिव दानिश उर्फ एहसान-उर-रहमान से भी था। वह पाकिस्तानी दूतावास में वीजा अधिकारी के रूप में तैनात था। ज्योति मल्होत्रा के मामले के उजागर होने के बाद दानिश को मई में भारत से निष्कासित कर दिया गया।
महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की ATS की जांच में खुलासा हुआ है कि नौशाबा ने पिछले छह महीनों में करीब 3,000 भारतीय और 1,500 विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को पाकिस्तान में सुविधाएं प्रदान कीं। उसका मकसद भारत में 500 जासूसों का नेटवर्क खड़ा करना था। वह ISI के अधिकारी दानिश से भी लगातार संपर्क में थी, जो पाकिस्तानी दूतावास में वीजा ऑफिसर के रूप में काम करता था।