क्या आप जानते हैं? क्यों हर बड़े इवेंट में सेलिब्रिटीज के लिए लाल कालीन ही बिछाया जाता है

Interesting Facts: क्या आपने कभी गौर किया है कि हर बड़े इवेंट में सेलिब्रिटी और VIP के लिए हमेशा लाल रंग का कालीन ही बिछाया जाता है? आखिर ऐसा क्यों? इस परंपरा के पीछे इतिहास और दिलचस्प कारण छिपे हैं। आज हम बताएंगे कि क्यों रेड कार्पेट सम्मान, शक्ति और ग्लैमर का प्रतीक बन गया है

अपडेटेड Nov 03, 2025 पर 12:45 PM
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Interesting Facts: भारत में पहली बार रेड कार्पेट 1911 में दिल्ली दरबार में बिछाया गया था

देश और दुनिया में जब भी कोई बड़ा या खास आयोजन होता है, तो VIP या मशहूर हस्तियों को लाल रंग के कार्पेट पर चलते हुए देखा जाता है। इसे Red Carpet कहा जाता है और ये सिर्फ एक साधारण कालीन नहीं, बल्कि सम्मान, स्टाइल और ग्लैमर का प्रतीक है। चाहे ये फिल्म फेस्टिवल हो, ऑस्कर अवॉर्ड्स, या किसी वैश्विक नेता की बैठक, लगभग हर बड़े इवेंट में ये परंपरा देखने को मिलती है। रेड कार्पेट पर चलने वाले व्यक्ति की पर्सनालिटी और प्रतिष्ठा में एक खास प्रभाव दिखाई देता है। ये उनके महत्व और कार्यक्रम में उनकी जगह को दर्शाता है।

इतिहास में ये प्रथा सदियों पुरानी है। पुराने समय में लाल कार्पेट केवल शाही और देवताओं के लिए बिछाया जाता था, ताकि उन्हें विशेष सम्मान मिले। आज भी ये परंपरा कायम है और हॉलीवुड, फैशन, राजनीतिक या सामाजिक इवेंट्स में इसे ग्लैमर और आदर के प्रतीक के रूप में अपनाया जाता है।

देवताओं के लिए लाल कालीन


इतिहास में सबसे पहले लाल कार्पेट का जिक्र 458 ईसा पूर्व के ग्रीक नाटकों में मिलता है। राजा अगामेम्नन जब ट्रोजन युद्ध से लौटते थे, उनके लिए लाल कालीन बिछाया जाता था। उस समय ये केवल दैवीय प्रतीक था। कोई इंसान इस पर चलता तो खुद को देवता के बराबर समझने जैसा माना जाता था।

रेड कार्पेट की आधुनिक शुरुआत

औपचारिक रूप से रेड कार्पेट का इस्तेमाल 1821 में राष्ट्रपति जेम्स मुनरो के स्वागत के लिए हुआ। इसके बाद 1902 में न्यूयॉर्क में ट्रेन यात्रियों के लिए ये इस्तेमाल हुआ। 1920 के बाद हॉलीवुड और फैशन इवेंट्स में ये पूरी तरह परंपरा बन गया।

लाल रंग का महत्व

लाल रंग हमेशा से धन, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक रहा है। प्राचीन समय में लाल कपड़ा बनाना महंगा होता था, इसलिए केवल अमीर लोग ही इसका इस्तेमाल कर पाते थे। राजा-महाराजाओं के दौर में भी ये रंग विलासिता और वैभव का निशान माना जाता था।

भारत में रेड कार्पेट

भारत में पहली बार रेड कार्पेट 1911 में दिल्ली दरबार में बिछाया गया था, जब वॉयसरॉय लॉर्ड हार्डिंगे ने किंग जॉर्ज वी और क्वीन मैरी के स्वागत के लिए इसे लगाया। आज भी राष्ट्रपति भवन, लोकसभा और राज्यसभा में विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए इसका इस्तेमाल होता है।

सेलिब्रिटीज और ग्लैमर

ऑस्कर और अन्य अवॉर्ड शो में रेड कार्पेट पर चलना सेलिब्रिटीज के लिए एक स्टाइल और पहचान का हिस्सा बन गया है। ये उनके प्रशंसकों और मीडिया के साथ जुड़ने का अवसर है। साथ ही, ये ग्लैमर, ब्रांड वैल्यू और यादगार पलों का प्रतीक भी बन गया है।

क्यों रेड कार्पेट खास है

रेड कार्पेट सिर्फ एक साधारण कालीन नहीं है। ये सम्मान, पहचान, और दर्शकों के लिए आकर्षण का प्रतीक है। इसलिए सितारे अपने स्टाइल और प्रभाव को दिखाने के लिए इसे अपनाते हैं।

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