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Free Trade Agreement : आज से यूरोप के साथ FTA लागू, स्विस चॉकलेट और घड़ियां हुईं सस्ती, 15 साल में मिलेंगी 10 लाख नौकरियां

FTA with Europe : इस करार के चलते देश में 15 साल में 10 लाख नौकरियां पैदा हो सकती हैं। इसके साथ देश में 100 अरब डॉलर का निवेश हो सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे आईटी एक्सपोर्ट और बिजनेस सर्विस को बढ़ावा मिलेगा। इस करार के चलते 5 डॉलर या इससे महंगी स्विस वाईन पर इंपोर्ट ड्यूटी 150 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दी गई है

अपडेटेड Oct 01, 2025 पर 6:23 PM
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FTA with Europe:इस करार के चलते 5 डॉलर या इससे महंगी स्विस वाईन पर इंपोर्ट ड्यूटी 150 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दी गई है

Free Trade Agreement : आज से स्विट्जरलैंड समेत यूरोप के चार देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट लागू हो गया है। अब स्विस चॉकलेट, स्विस घड़ी समेत कई चीजें अपने देश में ही सस्ते में मिला करेंगी। इस एग्रीमेंट की क्या खास बातें हैं, ये बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने बताया कि आज से यूरोप के साथ FTA (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) लागू हो गया है। भारत और EFTA (यूरोपीयन फ्री ट्रेड एसोसिशन) के बीच हुए FTA आज से लागू हो गए हैं। इस एसोसिशन में स्विटजरलैंड, नॉर्वे, आईसलैंड और लिचेंस्टीन सदस्य देश हैं।

इस करार के चलते देश में 15 साल में 10 लाख नौकरियां पैदा हो सकती हैं। इसके साथ देश में 100 अरब डॉलर का निवेश हो सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे आईटी एक्सपोर्ट और बिजनेस सर्विस को बढ़ावा मिलेगा। इस करार के चलते 5 डॉलर या इससे महंगी स्विस वाईन पर इंपोर्ट ड्यूटी 150 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दी गई है।

स्विस वॉच पर 7 साल में इंपोर्ट ड्यूटी 20 फीसदी से घटकर जीरो कर दी जाएगी। स्विस चॉकलेट पर 10 साल में इंपोर्ट ड्यूटी 30 फीसदी से घटकर जीरो हो जाएगी। पॉलिश डायमंड पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 साल में आधी कर दी जाएगी। दूसरी तरफ भारत से कॉफी एक्सपोर्ट पर कोई ड्यूटी नहीं लगेगी। भारत से एक्सपोर्ट होने वाले मछली और श्रिंप जैसे सामानों पर ड्यूटी में बड़ी कटौती होगी।


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भारत और EFTA के बीच इस समझौते पर 10 मार्च 2024 को हस्ताक्षर हुए थे। हालांकि सदस्य देशों में जरूरी मंजूरी मिलने में समय लगा,जिसके बाद अब यह समझौता लागू हो रहा है।

इस करार के तरह EFTA ने अपने 92.2 फीसदी टैरिफ लाइनों को भारत के लिए खोलने का वादा किया है,जो इस क्षेत्र में भारत के 99.6 फीसदी निर्यात को कवर करते हैं। इसमें गैर-कृषि उत्पादों में 100 फीसदी बाजार पहुंच और कुछ प्रोसेस्ड कृषि उत्पादों पर भी रियायतें शामिल हैं।

उधर भारत की ओर से 82.7 फीसदी टैरिफ लाइनों की पेशकश की गई है, जो EFTA देशों के 95.3 फीसदी निर्यात को कवर करती हैं। हालांकि गोल्ड जैसे संवेदनशील उत्पादों पर शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसी तरह डेयरी, सोया, कोयला और अन्य संवेदनशील कृषि उत्पाद इस समझौते से बाहर रखे गए हैं।

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