GST reforms : सेंट्र्ल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) इस हफ्ते देश के दिग्गज उद्योगपतियों के साथ बैठकें आयोजित कर रहा है,ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गुड्स एंड सर्विसेज (GST) दरों में कमी का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सके। मनीकंट्रोल को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। एक अधिकारी ने कहा,"सरकार उद्योग जगत को ब्याज दरों में कटौती का लाभ देने के लिए प्रेरित कर रही है। हम यह देखने के लिए कि क्या उन्हें किसी सपोर्ट की जरूरत है, उनकी बात भी सुन रहे हैं।"
आने वाले दिनों में CBIC हॉस्पिटैलिटी,इंश्योरेंस और टेक्सटाइल जैसे अहम सेक्टरों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा,ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जीएसटी में की गई कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को मिल सके और रिटेल कीमतों में कमी आए।
बता दें कि जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर को 7,500 रुपये या उससे कम कीमत वाले होटल कमरों पर जीएसटी की दर को ITC के साथ 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी (बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट या ITC के) करने को मंजूरी दे दी है। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को भी कर से छूट दे दी गई है।
टेक्सटाइल की बात करें तो 2,500 रुपये तक के रेडीमेड कपड़ों पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। हथकरघा, हस्तशिल्प वस्तुओं और कालीनों के साथ-साथ मानव निर्मित रेशों और धागों पर भी 5 फीसदी की एक समान और कम दर लागू होगी।
ये बैठकें जीएसटी सुधारों के जरिए दी गई राहत के बारे में कुछ सेक्टरों से आई मिली-जुली प्रतिक्रिया के बाद हो रही हैं। बता दें कि नई दरों के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट को हटा दिया गया है।
हॉस्पिटैलिटी और इंश्योरेंस दोनों सेक्टरों के जानकारों ने आगाह किया है कि जब तक कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट बनाए रखने की अनुमति नहीं दी जाती,तब तक उपभोक्ताओं को जीएसटी दरों में कटौती के अनुपात में वास्तविक लाभ नहीं मिल सकता है।