Harjeet Kaur : भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर के बाद रिश्तों में आई खटास के बाद एक बेहद चौंका देने वाला मामला सामने आया है। अमेरिका में तीन दशक से अधिक (32 साल) समय बिताने के बाद डिपोर्ट की गईं पंजाब की रहने वाली 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला हरजीत कौर का दर्द अब खुलकर सामने आया है। अमेरिका से डिपोर्ट हुईं हरजीत कौर के साथ अमानवीय सलूक हुआ। उनका कहना है कि गिरफ्तारी और हिरासत के दौरान उनके साथ बेहद खराब व्यवहार किया गया, जिससे उनकी सेहत और मनोस्थिति दोनों बिगड़ गईं।
अमेरिका में 32 रहने के बाद डिपोर्ट हुई हरजीत कौर
हरजीत कौर ने बताया कि, इमिग्रेशन और कस्टम इंफोर्समेंट (ICE) ने उन्हें अचानक हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कोई गलती नहीं की और हमेशा अपने टैक्स भरे । रिपोर्ट के अनुसार, हरजीत कौर रो पड़ीं जब उन्होंने बताया कि अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें हथकड़ी लगाई, बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा और 30 साल से ज़्यादा समय कैलिफ़ोर्निया में रहने के बाद उन्हें देश से बाहर भेज दिया।
सुनाई डिपोर्टेशन की खौफनाक सच्चाई
हरजीत कौर ने NDTV को बताया कि वह हर छह महीने में अधिकारियों के पास जाकर अपनी मौजुदगी दर्ज कराती थीं। 8 सितंबर को भी जब वह केंद्र गईं तो उन्हें दो घंटे इंतजार कराया गया। इसके बाद उनसे एक कागज पर साइन करने को कहा गया, लेकिन उन्होंने वकील की मौजूदगी के बिना ऐसा करने से मना कर दिया। तभी अधिकारियों ने बताया कि उनके पास उनके उंगलियों के निशान हैं और उन्हें बिना कोई कारण बताए गिरफ्तार कर लिया गया।
हरजीत कौर ने बताया कि हिरासत में उन्हें दवाइयां, खाना और आराम तक नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, “मुझे मेरी दवाइयां नहीं दी गईं। मैं केवल चार घंटे ही सो पाई और बिल्कुल चैन नहीं मिला। जिस दिन मुझे गिरफ्तार किया गया, मैं पूरी रात बैठी रही। पंजाब की एक लड़की ने मुझे लेटने के लिए कहा, तो मैं लेट गई, लेकिन अगली सुबह उठ भी नहीं पाई।”
वकील ने लगाया ये आरोप
हरजीत कौर के वकील दीपक अहलूवालिया ने आरोप लगाया कि उन्हें हिरासत में बेहद खराब हालात में रखा गया। उन्हें जमीन पर सुलाया गया, नहाने नहीं दिया गया और कॉमर्शियल प्लेन के बजाय छोटे चार्टर्ड विमान से भेजा गया। शाकाहारी कौर ने बताया कि उन्हें ऐसा खाना दिया गया जो वह खा ही नहीं सकती थीं। उन्होंने कहा, “वह टर्की था, मैं उसे खा नहीं सकती थी। उनकी रोटी भी मेरे लिए चबाना मुश्किल था, इसलिए मुझे चिप्स और बिस्कुट से ही गुजारा करना पड़ा।” परिजनों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने मांसाहारी खाना खाने से इनकार किया तो उन्हें एक बार बर्फ से भरी प्लेट दे दी गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी बहू मंजी कौर ने बताया कि 2012 में शरण याचिका खारिज होने के बाद भी हरजीत कौर ने ईमानदारी से हर छह महीने में ICE को रिपोर्ट किया और उत्तरी कैलिफ़ोर्निया के ईस्ट बे में रहते हुए हमेशा अधिकारियों के निर्देशों का पालन किया। अब भारत लौटने के बाद हरजीत कौर कहती हैं कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि अचानक देश से बाहर क्यों किया गया। हरजीत कौर उन 2,400 से ज़्यादा भारतीयों में शामिल हैं जिन्हें ट्रंप प्रशासन ने बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों पर कार्रवाई के दौरान अमेरिका से निर्वासित किया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को जानकारी दी कि इस साल जनवरी से अब तक 2,400 से अधिक भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया है।
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