Malegaon Blast Verdict: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में उन्हें बरी करने के NIA विशेष कोर्ट के आदेश की गुरुवार (31 जुलाई) को सराहना की। इस विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 अन्य घायल हो गए थे। कोर्ट के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता…।" इससे एक दिन पहले बुधवार को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, "मैं गर्व से कहता हूं कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता है।"
इस फैसले पर मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम और बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा, "मैं इतनी खुश हूं कि मेरे पास व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। जब प्रज्ञा नासिक जेल में थीं, मुझे एक पुलिस अधिकारी के माध्यम से पता चला कि उन्हें बहुत प्रताड़ित किया गया था। मैं उनसे मिलने गई थी जब कोई और नहीं जाता था। जब मैं उनसे मिली तो मैं रोई।"
उन्होंने आगे कहा, "जिस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया गया, वह किसी भी महिला के लिए सहन करना बहुत मुश्किल है... मैं पूछना चाहती हूं कि पी. चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, राहुल गांधी, वामपंथी, समाजवादी और कांग्रेस के नेताओं को क्या सजा मिलनी चाहिए, जिन्होंने 'भगवा आतंक' शब्द को स्थापित करने की कोशिश की?... उनके खिलाफ असाधारण कार्रवाई की जानी चाहिए।"
बीजेपी सोनिया-राहुल से की मांफी की मांग
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने मालेगांव विस्फोट मामले में सात आरोपियों को बरी किए जाने का स्वागत करते हुए गुरुवार को कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे बढ़ने से रोकने के लिए अपने मुस्लिम मतदाताओं को खुश करने के वास्ते 'हिंदू आतंकवाद' का विमर्श गढ़ा था। प्रसाद ने मांग की है कि बरी किए गए आरोपियों बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को मुआवजा दिया जाना चाहिए। साथ ही अभियोजन पक्ष को उन्हें फंसाने के लिए कथित तौर पर यातना देने और सबूत गढ़ने के वास्ते माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा, "कांग्रेस अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। यह मामला विशुद्ध वोट बैंक की राजनीति के लिए पार्टी की एक सोची-समझी साजिश थी।" प्रसाद ने कहा कि 'भगवा आतंकवाद' की संभावना को बल देने संबंधी कांग्रेस की साजिश विफल हो गई है।
प्रसाद ने दावा किया कि विकीलीक्स के अनुसार, राहुल गांधी ने 2010 में अमेरिकी राजदूत से कहा था कि चरमपंथी हिंदू समूह आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से भी अधिक खतरनाक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता का दावा पूरी तरह से गलत साबित हुआ है और वह सच्चाई से भाग रहे हैं।
प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए। मालेगांव विस्फोट में छह लोगों की मौत होने के लगभग 17 साल बाद एक विशेष अदालत ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सातों आरोपियों को गुरुवार को बरी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं हैं।
प्रसाद ने पुरोहित की तारीफ करते हुए उन्हें एक बहादुर और सम्मानित अधिकारी बताया जिन्होंने कश्मीर में आतंकवाद से लड़ाई लड़ी। उन्होंने ठाकुर को एक ‘संत’ बताया। प्रसाद ने कहा कि दोनों को झूठे आरोपों के कारण 17 साल तक कष्ट सहना पड़ा। बीजेपी नेता ने कई मामलों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस नीत तत्कालीन UPA सरकार ने संदिग्ध मुस्लिम आरोपियों और आतंकवादी संगठनों की भूमिका को कथित तौर पर छिपाने की कोशिश की थी।
'हिंदू आतंकवाद' का हौवा खड़ा करने की साजिश
बीजपेी ने कहा कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने के साथ ही ‘हिंदू आतंकवाद का हौवा’ खड़ा करने की साजिश ध्वस्त हो गई है। बीजेपी ने कांग्रेस नेतृत्व से निर्दोष व्यक्तियों को आतंकवादी बताकर ‘सनातन धर्म’ को बदनाम करने के लिए माफी मांगने को कहा। बीजेपी आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं को हिंदुओं से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। मालवीय ने कहा कि ‘भगवा आतंकवाद का हौवा’ खड़ा करने की कांग्रेस की ‘भयावह साजिश’ ध्वस्त हो गई है। मालवीय ने कहा कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकते।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, "गृह मंत्री (अमित शाह) ने कल कहा था कि हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकते। 'भगवा आतंकवाद' जैसा कोई शब्द नहीं है। हिंदू कभी भी ऐसे घिनौने कृत्यों में शामिल नहीं होते। वर्ष 2005 से 2013 के बीच हुए सभी बम विस्फोट पाकिस्तान के इशारे पर भारत में किए गए थे, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को पकड़ने के बजाय सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की।"