Aurangzeb Tomb Row: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने औरंगजेब की कब्र को लेकर कथित तौर पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयासों की निंदा की है। ठाकरे ने रविवार () को एक रैली के दौरान कहा कि इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से इतिहास से जुड़ी जानकारियों के लिए व्हाट्सऐप पर आने वाले संदेशों पर निर्भर न रहने को कहा। ठाकरे ने मुंबई के प्रसिद्ध शिवाजी पार्क में वार्षिक गुड़ी पड़वा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मुगल शासक एक विचार को मारना चाहते थे। वह हैं शिवाजी, लेकिन वे असफल रहे।
उन्होंने कहा कि बीजापुर के सेनापति अफजल खान को प्रतापगढ़ किले के पास दफनाया गया था। यह छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना संभव नहीं था। ठाकरे ने लोगों से उकसावे में नहीं आने और विचलित न होने का आग्रह करते हुए कहा कि शिवाजी से पहले और शिवाजी के बाद के युगों में सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियां भिन्न थीं।
पीटीआई के मुताबिक, MNS प्रमुख ने कहा, "हम मौजूदा समय के असली मुद्दों को भूल गए हैं। एक फिल्म देखकर जागने वाले हिंदू किसी काम के नहीं हैं। क्या आपको विक्की कौशल को देखकर संभाजी महाराज के बलिदान के बारे में और अक्षय खन्ना को देखकर औरंगजेब के बारे में पता चला?"
राज ठाकरे की यह टिप्पणी छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित क्रूर मुगल शासक औरंगजेब की समाधि को हटाने की दक्षिणपंथी संगठनों की मांग के बीच आई है। इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन ने इस महीने की शुरुआत में नागपुर में भी हिंसा भड़का दी थी।
उन्होंने कहा, "क्या हम दुनिया को यह नहीं बताना चाहते कि इन लोगों ने मराठों को खत्म करने की कोशिश की। लेकिन इसके बजाय उनका सफाया कर दिया गया। व्हाट्सऐप पर इतिहास पढ़ना बंद करें और इतिहास की किताबों में गहराई से उतरें।" लोगों से उकसावे और विचलित न होने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि शिवाजी से पहले और शिवाजी के बाद के युगों में सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियां अलग थीं।
ठाकरे हाल ही में रिलीज़ हुई पीरियड ड्रामा 'छावा' का जिक्र कर रहे थे, जो छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। उन्हें औरंगजेब ने प्रताड़ित किया और मार डाला। उन्होंने कहा कि औरंगजेब का जन्म गुजरात के दाहोद में हुआ था।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जो लोग अपनी स्वार्थी राजनीतिक आकांक्षाओं के लिए लोगों को भड़काते हैं। उन्हें इतिहास से कोई सरोकार नहीं है। राज ठाकरे ने कहा कि कोई देश धर्म के आधार पर प्रगति नहीं कर सकता और उन्होंने तुर्की का उदाहरण दिया कि कैसे उसने खुद को "सुधार" किया।