केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारत में मुस्लिम आबादी में हुई 24.6% की बढ़ोतरी बांग्लादेश और पाकिस्तान से हुई बड़ी पैमाने की घुसपैठ का परिणाम है। उन्होंने, वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) प्रक्रिया का समर्थन करते हुए कहा कि अगर घुसपैठिए मतदाता सूची में शामिल हो जाते हैं, तो यह संविधान की भावना को कमजोर करता है।
नरेंद्र मोहन स्मृति व्याख्यान और साहित्य सृजन पुरस्कार समारोह में लोगों को संबोधित कर रहे थे। अपने भाषण में शाह ने कहा, “देश में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी बांग्लादेश और पाकिस्तान से हो रही घुसपैठ का नतीजा है।” उन्होंने आगे कहा, “हम घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी रखेंगे। मतदान का अधिकार सिर्फ उन लोगों को मिलना चाहिए जो इस देश के नागरिक हैं।” कार्यक्रम में बोलते हुए गृहमंत्री ने कहा, “घुसपैठ को राजनीति की नज़र से नहीं देखा जाना चाहिए और न ही ऐसे लोगों को राजनीतिक संरक्षण मिलना चाहिए। अगर दुनिया का हर व्यक्ति बिना रोक-टोक यहाँ आने लगे, तो हमारा देश धर्मशाला बन जाएगा।”
घुसपैठ के कारण मुस्लिम आबादी 24.6% बढ़ी
जनगणना के आंकड़ों का ज़िक्र करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हिंदू आबादी घट रही है, जबकि मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है। उन्होंने बताया, “1951 में देश में हिंदू आबादी 84% थी और मुसलमान 9.8% थे। 2011 तक हिंदू घटकर 79% रह गए, जबकि मुसलमानों की संख्या बढ़कर 14.2% हो गई। अब मुस्लिम आबादी लगभग 24.6% तक पहुंच चुकी है, और यह बढ़ोतरी घुसपैठ की वजह से हुई है।” SIR प्रक्रिया पर विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस अब सच्चाई से मुंह मोड़ रही है, जबकि उसके शासनकाल में भी ऐसी ही प्रक्रियाएं लागू की गई थीं।
विपक्ष को घेरा
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “विपक्ष इसलिए विरोध कर रहा है क्योंकि उनका वोट बैंक कम हो रहा है। मतदाता सूची को साफ रखना चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है। अगर किसी को इस पर आपत्ति है, तो वह अदालत जा सकता है।” उन्होंने शरणार्थियों और घुसपैठियों के बीच फर्क बताते हुए कहा, “जो लोग धार्मिक उत्पीड़न झेलकर भारत आते हैं, वे शरणार्थी हैं। लेकिन जो आर्थिक या दूसरे कारणों से अवैध तरीके से देश में घुसते हैं, वे घुसपैठिए हैं। अगर हर किसी को यहाx आने की अनुमति दे दी जाए, तो भारत एक धर्मशाला बन जाएगा।”
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