IMD Red alert in Himachal: हिमाचल प्रदेश के चार से छह जिलों में भारी बारिश के लिए 'रेड अलर्ट' जारी गया किया है। इसके साथ ही भूस्खलन, अचानक बाढ़, जलभराव और जलाशयों के उफान पर होने की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने रविवार (31 अगस्त) को ऊना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर में अलग-अलग स्थानों पर आंधी के साथ मूसलाधार बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि सोमवार (1 सितंबर) को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में बारिश होने की आशंका जताई है।
इसके अलावा IMD के मुताबिक, मंगलवार 2 अगस्त को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है। आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में अगस्त 2025 में 72 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
IMD के मुताबिक राज्य में इस मौसम की औसत 256.8 मिमी बारिश के मुकाबले 440.8 मिमी बारिश हुई। पांच जिलों, कुल्लू (162 प्रतिशत), शिमला (126 प्रतिशत), ऊना (121 प्रतिशत), सोलन (118 प्रतिशत) और चंबा (104 प्रतिशत) में सामान्य से 100 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। तीन नेशनल हाईवे सहित 822 सड़कों पर ट्रैफिक रोकना पड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह राज्य में नेशनल हाईवे ओल्ड हिंदुस्तान तिब्बत रोड, मंडी-धरमपुर रोड और औट-सैंज रोड सहित कुल 822 सड़कें बंद हैं।
उन्होंने बताया कि नैतर और भाग नदियों में अचानक आई बाढ़ के कारण मनाली-नग्गर-कुल्लू रूट बाधित हो गया है। वहां मरम्मत कार्य जारी है। अधिकारियों के मुताबिक शिमला शहर के बाहरी इलाके में कुछ वाहन भी मलबे में दब गए। जबकि बिजली का खंभा गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। आसपास की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 32.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। IMD ने बताया कि न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 24.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने सोमवार 1 सितंबर को आमतौर पर बादल छाए रहने। भारी बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग के मुताबिक, अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 32 डिग्री सेल्सियस व 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
भारत में सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। इस बार मानसून के मौसम में देश के कई हिस्सों में पहले ही भारी बारिश की वजह से आपदाएं आ चुकी हैं। पूर्वानुमान के अनुसार, अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होगी। हालांकि, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्रों, साथ ही सुदूर दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिमी भारत के हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है।