Putin India Visit: मोदी पुतिन का याराना 25 साल पुराना, जब गुजरात के CM नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति के साथ किए थे बड़े समझौते

इस रिश्ते की शुरुआत साल 2001 में मानी जाती है। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के नए मुख्यमंत्री थे और वे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ सरकारी यात्रा पर रूस गए थे। इंटरनेट पर वायरल हुईं तस्वीरों में मोदी, वाजपेयी और पुतिन एक साथ दिखाई दे रहे हैं

अपडेटेड Dec 04, 2025 पर 7:42 PM
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Putin India Visit: मोदी पुतिन का याराना 25 साल पुराना, जब गुजरात के CM नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति के साथ किए थे बड़े समझौते

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली पहुंचे। यह दौरा दोनों देशों के “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” की मजबूती को दिखाता है। साथ ही, पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 25 साल में बनी मजबूत दोस्ती को भी उजागर करता है।

इस रिश्ते की शुरुआत साल 2001 में मानी जाती है। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के नए मुख्यमंत्री थे और वे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ सरकारी यात्रा पर रूस गए थे। इंटरनेट पर वायरल हुईं तस्वीरों में मोदी, वाजपेयी और पुतिन एक साथ दिखाई दे रहे हैं।

उस यात्रा में मोदी सिर्फ दर्शक नहीं थे। उन्होंने गुजरात राज्य और रूस के अस्त्रखान इलाके के साथ सहयोग पर एक समझौता भी किया। वह समझौता पेट्रोकेमिकल, ऊर्जा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में हुआ था, जिसने आगे दोनों देशों के संबंधों की नींव रखी। मोदी कई बार यह याद करते हैं कि पुतिन ने उन्हें बहुत सम्मान दिया और खुलकर बातचीत की, जिससे आपसी विश्वास बढ़ा।


2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, दोनों देशों के बीच संबंध और ज्यादा मजबूत हुए। हर साल शिखर सम्मेलन के जरिए दोनों नेताओं की मुलाकात होती रही है। 2000 में शुरू हुई रणनीतिक साझेदारी को 2010 में “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” का दर्जा दिया गया।

पिछले कुछ सालों में, जब पश्चिमी देशों ने यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए, तब भी भारत-रूस संबंध मजबूत बने रहे। भारत ने रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना जारी रखा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस की आलोचना नहीं की। भारत हमेशा बातचीत और कूटनीति को प्राथमिकता देता है, इसके पीछे दोनों नेताओं की आपसी समझ और संबंध मजबूत वजह हैं।

इस बार का दौरा, जो पुतिन का दिसंबर 2021 के बाद पहला भारत दौरा है, पुराने क्षेत्रों से आगे बढ़कर नए क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने की कोशिश है। रक्षा सौदों के साथ-साथ कृषि, IT सर्विस और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी साझेदारी बढ़ रही है। अगले 10 सालों के लिए व्यापार के बड़े लक्ष्य तय किए गए हैं। इन सब के पीछे मोदी और पुतिन की लंबी व्यक्तिगत दोस्ती भारत-रूस संबंधों को मजबूत बनाए रखती है।

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