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'रिश्वतखोरी से तंग आकर बंद कर रहे व्यापार', इम्पोर्टर ने भारत से कारोबार समेटने का किया ऐलान, चेन्नई कस्टम्स ने आरोपों को नकारा

Importer Wintrack Inc: विनट्रैक इंक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि उसने इस साल दो बार कस्टम्स के अधिकारियों की रिश्वतखोरी का पर्दाफाश किया। इसके जवाब में कस्टम्स ने बदले की कार्रवाई की, जिसने प्रभावी रूप से उनके परिचालन को पंगु बना दिया और भारत में उनके कारोबार को बर्बाद कर दिया

अपडेटेड Oct 02, 2025 पर 1:22 PM
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कस्टम्स विभाग ने विनट्रैक इंक के आरोपों को सिरे से नकारते हुए पलटवार किया है

Wintrack Inc: भारत में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, हेल्थकेयर और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स का आयात करने वाली कंपनी विनट्रैक इंक (Wintrack Inc) ने एक बड़ा और सनसनीखेज आरोप लगाते हुए देश से अपने सभी आयात-निर्यात को 1 अक्टूबर से बंद करने की घोषणा की है। कंपनी ने इसके पीछे चेन्नई कस्टम्स द्वारा 'लगातार उत्पीड़न' और रिश्वत की मांग को वजह बताया है। कंपनी के इस आरोप पर चेन्नई कस्टम्स का भी जवाब आया है। आइए आपको बताते हैं आखिर क्या है पूरा मामला।

रिश्वत का पर्दाफाश करने पर बर्बाद किया कारोबार: विनट्रैक इंक

विनट्रैक इंक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बयान जारी किया है, जिसमें उसने चेन्नई कस्टम्स पर गंभीर आरोप लगाए है। कंपनी ने कहा कि उसने इस साल दो बार कस्टम्स के अधिकारियों की रिश्वतखोरी का पर्दाफाश किया। इसके जवाब में कस्टम्स ने बदले की कार्रवाई की, जिसने प्रभावी रूप से उनके परिचालन को पंगु बना दिया और भारत में उनके कारोबार को बर्बाद कर दिया। इसके साथ ही कंपनी ने भारत से अपना कारोबार समेटने का ऐलान भी किया।


झूठे आरोप लगाने की पुरानी आदत: चेन्नई कस्टम्स

कस्टम्स विभाग ने विनट्रैक इंक के आरोपों को सिरे से नकारते हुए पलटवार किया है। चेन्नई कस्टम्स ने X पर जवाब देते हुए कहा कि आयात करने वाली कंपनी की झूठे आरोप और भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की आदत रही है। यह पूरा विवाद रिचार्जेबल बैटरी वाली USB केबलों के आठ घोषित डिब्बों को लेकर है, जिनके आयात के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) से प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होता है।

कस्टम्स के अनुसार, 29 अगस्त, 8 सितंबर और 29 सितंबर को बार-बार पूछताछ और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान भी इम्पोर्टर ने EPR (Extended Producer Responsibility) प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया। इसके बजाय इम्पोर्टर ने गलत दस्तावेज (ई-वेस्ट अंडरटेकिंग) जमा किए और MSME छूट, तैयार उत्पाद छूट, और कम बैटरी क्षमता छूट जैसे कानूनी तौर पर अनुपयुक्त दावे किए। कस्टम्स ने कहा कि बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 के तहत ये छूट मौजूद नहीं हैं।

इसके साथ ही कस्टम्स अथॉरिटी ने ये भी कहा है कि रिश्वत की डिमांड के आरोपों की जांच की जाएगी, लेकिन अथॉरिटी ने इम्पोर्टर के दावों को बेबुनियाद बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह मामला काफी ट्रेंड हो रहा है। कई लोगों ने विंट्रैक इंक के इस दावे पर सहमति जताते हुए कस्टम्स अथॉरिटी से जांच करने की मांग की है।

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