Semiconductor Chip: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री (MeitY) अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सेमीकंडक्टर कंपनी सीजी सेमी की साणंद स्थित आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग (OSAT) पायलट फैसिलिटी से जल्द ही पहली मेड-इन-इंडिया चिप बनकर आने की संभावना है। इसका उद्घाटन 28 अगस्त को हुआ था। वैष्णव ने यह भी बताया कि सीजी सेमी के अलावा Micron, Kaynes टेक्नोलॉजी और असम में टाटा भी अपनी सेमीकंडक्टर फैसिलिटी के लिए पायलट लाइनें बना रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार (28 अगस्त) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। OSAT फैसिलिटी के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत में वैष्णव ने कहा, "यह पायलट लाइन (G1 फैसिलिटी) प्रतिदिन 50 लाख चिप्स का उत्पादन करेगी। हमारी पहली मेड इन इंडिया चिप यहीं से आएगी।" उन्होंने आगे कहा कि प्लांट में उत्पादन जल्द ही शुरू हो जाएगा। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे।
वैष्णव ने कहा, "आज से सीजी सेमी की पायलट प्रोडक्शन लाइन शुरू हो गई है। यह भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम है। गुजरात में जिन प्लांटों ने चिप कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट शुरू की है, उनमें से सीजी सेमी पहला है जिसने पायलट उत्पादन की शुरुआत की है।"
उन्होंने कहा कि यह पायलट लाइन ग्राहकों को सेमीकंडक्टर चिप के ऑर्डर देने से पहले उनका टेस्ट करने की सुविधा देती है। वैष्णव ने कहा, "हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस प्लांट से ही पहला 'मेड इन इंडिया' सेमीकंडक्टर चिप सामने आएगा।"
सीजी सेमी का G1 प्लांट प्रतिदिन लगभग पांच लाख चिप्स के मैन्युफैक्चरिंग की अधिकतम क्षमता के साथ काम करेगा। यह प्लांट चिप असेंबली, पैकेजिंग, टेस्टिंग सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है। सीजी सेमी 7,600 करोड़ रुपये के निवेश से भारत सरकार के सेमीकंडक्टर मिशन और गुजरात सरकार के सहयोग से यह परियोजना चला रही है।
इस परियोजना में रेनेसस और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी साझेदार हैं। कंपनी का लक्ष्य साल 2026 में कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करना है। G1 प्लांट से लगभग तीन किलोमीटर दूर स्थित G2 यूनिट का निर्माण भी प्रगति पर है। वह 2026 के अंत तक तैयार हो जाएगा। G2 यूनिट की दैनिक उत्पादन क्षमता 1.45 करोड़ यूनिट तक होगी।
इस मौके पर सीजी पावर के चेयरमैन वेल्लयान सुब्बैया ने कहा कि कंपनी वर्ष 2027 तक कुल 1.5 करोड़ यूनिट प्रतिदिन चिप के उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लेगी। दोनों प्लांटों के पूरी तरह चालू होने पर यह परियोजना 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगी। इस बीच, वैष्णव ने कहा कि अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी माइक्रॉन के भारतीय प्लांट के इस साल दिसंबर या अगले साल जनवरी तक कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू कर देने की उम्मीद है।