India Fiscal Deficit : सरकारी खर्च में बंपर बढ़त, अप्रैल से अक्टूबर तक राजकोषीय घाटा 52.6 प्रतिशत पर पहुंचा

India Fiscal Deficit : फिस्कल डेफिसिट साल के पहले सात महीनों में बढ़कर 52.6 प्रतिशत हो गया, यानी सरकार पूरे साल के तय लक्ष्य का आधा से ज्यादा हिस्सा पहले ही खर्च कर चुकी है। पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 46.5 प्रतिशत था

अपडेटेड Nov 28, 2025 पर 6:47 PM
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Fiscal Deficit: अप्रैल से अक्टूबर तक राजकोषीय घाटा बढ़कर 8.25 लाख करोड़ रुपये

Fiscal Deficit : भारत का राजकोषीय घाटा इस वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में बढ़कर 8.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है।  इस वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में 8.25 लाख करोड़ रुपये था, जो सालाना अनुमान का 52.6 फीसदी है। ये पिछले साल के 46.5 फीसदी से ज्यादा दर्ज किया गया है। एक साल पहले इसी अवधि में राजकोषीय घाटा 7.51 लाख करोड़ रुपये था।

बढ़ गया है राजकोषिय घाटा

फिस्कल डेफिसिट साल के पहले सात महीनों में बढ़कर 52.6 प्रतिशत हो गया, यानी सरकार पूरे साल के तय लक्ष्य का आधा से ज्यादा हिस्सा पहले ही खर्च कर चुकी है। पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 46.5 प्रतिशत था। दूसरी ओर, कैपिटल खर्च भी मजबूत रहा। सरकार ने अब तक पूरे साल तय 11.2 लाख करोड़ रुपये में से 55.1 प्रतिशत राशि खर्च कर दी है, जबकि पिछले साल अप्रैल से अक्टूबर के दौरान यह सिर्फ 42 प्रतिशत था। ये बात कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स के आंकड़ों में सामने आयी है। बता दें कि,  इस वित्त वर्ष (1 अप्रैल से शुरू) का बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025–26 के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य 4.4% तय किया था।


फिस्कल डेफिसिट कम करना है लक्ष्य

RBI से मिले 2.7 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड ने टैक्स कलेक्शन में आई कमी का थोड़ा बोझ जरूर घटाया है, लेकिन बढ़ता कैपिटल खर्च और कमजोर टैक्स रेवन्यू अभी भी सरकार की वित्तीय स्थिति पर दबाव बनाए हुए हैं। FY25 के पहले सात महीनों में टैक्स कलेक्शन सिर्फ 44.9 प्रतिशत रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 50.5 प्रतिशत था। IMF ने इस हफ्ते जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि GST और पर्सनल इनकम टैक्स में की गई कटौतियों के असर पर लगातार नजर रखना जरूरी है। वहीं भारतीय अधिकारियों ने IMF को आश्वासन दिया है कि सरकार FY27 तक वित्तीय घाटा कम करने की अपनी योजना पर कायम रहेगी और ज्यादा टैरिफ लगाने से बचने के लिए किसी तरह की अतिरिक्त रोक की जरूरत नहीं है।

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