US Secretary of State Marco Rubio: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उनके भारतीय समकक्ष एस जयशंकर की मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद मार्को रुबियो ने कहा कि भारत अमेरिका के लिए एक 'बेहद महत्वपूर्ण' साझेदार बना हुआ है। इस मुलाकात को दोनों पक्षों के बीच हाल ही में थोड़े तनावपूर्ण हुए संबंधों को सुधारने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि हाल ही में अमेरिकी सरकार ने भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाने और एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाने जैसे कई कदम उठाए थे, जिससे दोनों देशों के रिश्ते थोड़े तनावपूर्ण हो गए।
क्यों पड़ी इस मुलाकात की जरूरत?
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब व्यापारिक टकरावों के कारण दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंधों में थोड़ा तनाव है। अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय सामानों पर भारी टैरिफ लगाने और एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाने जैसे फैसलों से भारतीय तकनीकी कंपनियों को बड़ा झटका लगा। भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर अमेरिका द्वारा एक्सट्रा टैरिफ लगाने के बाद यह दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच पहली सीधी बातचीत थी।
द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर हुई बातचीत
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, दोनों शीर्ष राजनयिकों के बीच हुई बैठक में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिज शामिल थे। विदेश मंत्री जयशंकर ने भी 'X' पर एक पोस्ट में बताया कि उनकी बातचीत में 'वर्तमान चिंता के कई द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे' शामिल थे। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर जुड़ाव के महत्व पर सहमति बनी है।
क्वाड और इंडो-पैसिफिक पर साझेदारी की बात को दोहराया
रुबियो ने कहा कि दोनों देश 'मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक साथ काम करना जारी रखेंगे, जिसमें क्वाड के माध्यम से भी काम होगा।' इन दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात जुलाई में क्वाड समूह की बैठक में हुई थी, जिसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं। एस जयशंकर रविवार को ही UNGA के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे हैं, जहां वह 27 सितंबर को जनरल डिबेट में भारत का राष्ट्रीय बयान देंगे। इस दौरान वह कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें भी करेंगे।