संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अफ्रीका और एशिया के नौ देशों के नागरिकों के टूरिस्ट और वर्क वीजा पर अस्थायी रोक लगा दी है। इस फैसले का असर अफगानिस्तान, लिबिया, यमन, सोमालिया, लेबनान, बांग्लादेश, कैमरून, सूडान और युगांडा के नागरिकों पर पड़ेगा। यह रोक 2026 से लागू होगी और तब तक जारी रहेगी जब तक UAE सरकार इसे हटाने का आदेश नहीं देती।
यह वीजा बैन पूरी तरह यात्रा प्रतिबंध नहीं है। जिनके पास पहले से UAE वीजा वैध है, वे वहां रह सकते हैं और काम कर सकते हैं। नई वीजा एप्लीकेशन इन देशों के नागरिकों से स्वीकार नहीं की जाएगी। इस कदम के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनमें सुरक्षा चिंताएं, स्वास्थ्य प्रोटोकॉल, कूटनीतिक तनाव, और प्रवासन नियम सम्मिलित हैं।
सिक्योरिटी कारणों में धोखाधड़ी, पहचान दस्तावेजों की जांच में खामियां और आतंकवाद से जुड़े खतरे शामिल हैं। कोरोना महामारी के बाद भी कई देशों के स्वास्थ्य निगरानी में समस्या होने के कारण संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है। इसके अलावा, UAE अपनी इमीग्रेशन प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने और पहचान धोखाधड़ी पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य से इस नीति को लागू कर रहा है।
वीजा प्रतिबंध का असर रोजगार और पर्यटन दोनों क्षेत्रों पर पड़ेगा। उन नौ देशों से आने वाले कार्य बल को UAE का वीजा नहीं मिलेगा जिससे निर्माण, घरेलू कार्य, खुदरा और सेवा क्षेत्रों में नौकरियों पर असर हो सकता है। जो लोग आर्थिक रूप से अपने परिवारों को सहायता भेजते थे, वे भी प्रभावित होंगे जिससे आर्थिक संकट की संभावना है। टूरिज्म सेक्टर भी धीमा होगा क्योंकि इन देशों के पर्यटक यात्रा योजनाएं बदलने को मजबूर होंगे।
इस वीजा प्रतिबंध का कोई निश्चित समाप्ति तिथि नहीं घोषित की गई है, पर विशेषज्ञ मानते हैं कि जब स्थिति सुरक्षित और स्थिर होगी, तो UAE फिर से इन देशों के नागरिकों के लिए वीजा आवेदन खोल देगा। तब नए नियमों के तहत आवश्यक दस्तावेज, स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और अन्य प्रक्रियाओं का पालन करना अनिवार्य होगा।
UAE के यह कदम सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा कागजी कार्यवाही में सुधार हेतु उठाया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिसका प्रभाव प्रभावित देशों की यात्रा, रोजगार और आर्थिक गतिविधियों पर निश्चित रूप से पड़ेगा।