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वजन घटाने वाली Mounjaro की बिक्री बढ़ रही रॉकेट की स्पीड से, बनी देश की दूसरी सबसे बड़ी फार्मा ब्रांड

भारत में मोटापा कम करने वाली दवाईयों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। अब बिक्री के एक आंकड़े से सामने आया है कि इससे जुड़ी दवा माउंजारो (Mounjaro) बिक्री के मामले में देश में दूसरे नंबर पर है। जानिए माउंजारो की बिक्री बढ़ने की वजह क्या है और टॉप पर कौन-सी दवा है? चेक करें आंकड़े

अपडेटेड Oct 08, 2025 पर 2:22 PM
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देश में दवाईयों के बाजार में एलि लिली (Eli Lilly) की माउंजारो (Mounjaro) दूसरे सबसे बड़े ब्रांड के रूप में उभरी है।

देश में दवाईयों के बाजार में एलि लिली (Eli Lilly) की माउंजारो (Mounjaro) दूसरे सबसे बड़े ब्रांड के रूप में उभरी है। यह मोटापा और डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल होती है और इसे लॉन्च हुए महज छह ही महीने हुए हैं। इसकी पॉपुलरिटी की सबसे बड़ी वजह ये है कि कि देश में वजन कम करने वाली थेरेपी की मांग जबरदस्त स्पीड से बढ़ी है। इंडियन फार्मा मार्केट (IPP) के आंकड़ों के मुताबिक महीने की ₹80 करोड़ की बिक्री के हिसाब से अब तक इस दवा से ₹233 करोड़ का रेवेन्यू जेनेरेट हुआ है। इस बिक्री के साथ ही माउंजारो ने

अगस्त से सितंबर में माउंजारो की बिक्री 43% बढ़ी। फिलहाल टॉप पर जीएसके की ऑगमेंटिन (Augmentin) पर है जिसकी हर महीने खुदरा बिक्री करीब ₹85 करोड़ है। हालांकि माना जा रहा कि माउंजारो इसे पछाड़ सकती है। ऑगमेंटिन एक एंटीबॉयोटिक है जो अपन जेनेरिक नाम एमॉक्सिलिन (Amoxicillin) के नाम से ज्यादा मशहूर है। कुल मिलाकर सितंबर महीने में भारत में दवाईयों का बाजार 7.3% बढ़ा।

इस कारण Mounjaro की मांग मजबूत


माउंजारो इस साल मार्च के आखिरी दिनों में लॉन्च हुई थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूजर-फ्रेंडली पेन फॉर्म्यूलेशन ने इसकी बिक्री को बढ़ाने में मदद की। फार्मारैक (Pharmarack) की वाइस प्रेसिडेंट शीतल सापले (Sheetal Sapale) का कहना है कि माउंजारो के क्विकपेन्स (Kwikpens) में लॉन्च होने से इसकी बिक्री बढ़ी जोकि दवाईयों से भरी डिस्पोजेबल पेन हैं। शीतल को इसकी बिक्री में आगे और तेजी आने की उम्मीद दिख रही है। माउंजारो का दावा है कि यह 20-22% तक वजन घटा सकती है। इसकी बिक्री अगस्त में तेजी से बढ़ी। इसके क्विकपेन की कीमत डोजेज के हिसाब से ₹14 हजार से ₹27.5 हजार तक है।

बता दें कि मोटापे कम करने वाली दवाईयों के मामले में अभी नोवो नॉर्डिस्क (Novo Nordisk) की ओरल दवा सेमाग्लूटाइड (राइबेलसस) (Semaglutide-Rybelsus) सबसे आगे है। इसकी सालाना बिक्री ₹397 करोड़ की है। नोवो नॉर्डिस्क वेगोवी (Wegovy) जून में लॉन्च हुई थी। यह अभी भी टॉप के 40 ब्रांड्स में शुमार है। बाजार के जानकारों का मानना है कि जागरूकता और नुस्खों की बढ़ती मांग के साथ आने वाली तिमाहियों में इसका कारोबार और बढ़ेगा।

GST की दरों में कटौती से मिला सपोर्ट, इतना सस्ता होने की है उम्मीद

माउंजारो की बिक्री को जीएसटी दरों में कटौती से सपोर्ट मिला है। इस पर जीएसटी की दर 18% से घटाकर 5% कर दी गई है जिससे क्रोनिक केयर पेशेंट का बोझ हल्का हुआ है। दरों में कटौती 22 सितंबर से प्रभावी हुई है और माना जा रहा है कि इसके चलते आने वाले महीनों में माउंजारो की बिक्री बढ़ेगी। इसके 5 मिलीग्राम की शीशी की मासिक लागत करीब ₹1,096 घटकर करीब ₹16,404 तक आने की उम्मीद है। इसी तरह 2.5 मिलीग्राम के शीशी की भी मासिक लागत करीब ₹876 कम होने की उम्मीद है।

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