Coldrif Cough Syrup: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भारत से कोल्ड्रिफ कफ सिरप के अन्य देशों में निर्यात को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, यह पूछताछ नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है। बताया गया है कि मध्य प्रदेश में 20 बच्चों की मौत कोल्ड्रिफ कफ सिरप के वजह से हुई है।
मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बुधवार को पुष्टि की कि अब तक 20 बच्चों की जान गई है, जबकि पांच बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि मृतकों में 17 बच्चे छिंदवाड़ा जिले के, दो बैतूल के और एक पांढुर्ना जिले का था। न्यूज एंजेसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि “इस दुखद घटना में छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्ना जिलों के 20 बच्चों की मौत हुई है।
मामले में की जा रही सख्त कार्रवाई
राज्य सरकार ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। छिंदवाड़ा पुलिस की टीमें चेन्नई और कांचीपुरम भेजी गई हैं, ताकि कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया जा सके। मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है।” उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने डॉक्टरों से हड़ताल न करने और काम जारी रखने की अपील की है। साथ ही केंद्र सरकार और आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की सलाह के अनुसार निर्देश दिया गया है कि चार साल से कम उम्र के बच्चों को कोई भी कफ सिरप न दिया जाए।
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि उन्होंने नागपुर में इलाज करा रहे बच्चों से मुलाकात की और कहा कि उनकी जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैंने नागपुर में इलाज करा रहे पाँच बच्चों और उनके परिवारों से मुलाकात की। इनमें से दो बच्चे सरकारी मेडिकल कॉलेज, दो एम्स और एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। सभी जगह के डॉक्टर और प्रबंधन पूरी मेहनत से बच्चों की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”
7 अक्टूबर, मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि नागपुर में भर्ती सभी बच्चों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। उन्होंने बताया कि ये बच्चे कफ सिरप के सेवन से किडनी संक्रमण की चपेट में आए हैं। उनकी देखभाल और निगरानी के लिए नागपुर में डॉक्टरों और कार्यकारी मजिस्ट्रेट की एक संयुक्त टीम तैनात की गई है, जो बच्चों की सेहत पर लगातार नज़र रख रही है।