भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए दोनों देशों की ओर से फाइनल किए गए टर्म्स ऑफ रेफरेंसेज (ToRs) में लगभग 19 चैप्टर शामिल हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इनमें सामान, सर्विसेज और सीमा शुल्क सुविधा जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है। बातचीत को और रफ्तार देने के लिए प्रपोज्ड भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए औपचारिक रूप से बातचीत शुरू करने से पहले कुछ मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने के लिए एक भारतीय आधिकारिक दल अगले सप्ताह अमेरिका का दौरा कर रहा है।
भारत के चीफ निगोशिएटर, वाणिज्य विभाग में एडिशनल सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल, दोनों देशों के बीच आमने-सामने की पहली बातचीत के लिए टीम का नेतृत्व करेंगे। अग्रवाल को 18 अप्रैल को अगले कॉमर्स सेक्रेटरी के रूप में नियुक्त किया गया था। वह 1 अक्टूबर से पदभार ग्रहण करेंगे। अधिकारी का कहना है कि वाशिंगटन में अमेरिकी समकक्षों के साथ भारतीय आधिकारिक टीम की तीन दिवसीय बातचीत बुधवार (23 अप्रैल) से शुरू होगी।
कुछ हफ्तों पहले ही अमेरिकी टीम आई थी भारत
कुछ हफ्तों पहले ही एक उच्च-स्तरीय अमेरिकी टीम भारत दौरे पर आई थी। अब भारतीय टीम अमेरिकी दौरे पर जा रही है। यह दर्शाता है कि बीटीए के लिए बातचीत रफ्तार पकड़ रही है। पिछले महीने दोनों देशों के बीच वरिष्ठ अधिकारी स्तर की बातचीत हुई थी। दक्षिण और पश्चिम एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच भारतीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण ट्रेड टॉक के लिए 25 से 29 मार्च तक भारत में थे।
दोनों पक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ पर 9 अप्रैल को घोषित 90 दिन की राहत का इस्तेमाल करना चाहते हैं। ट्रंप ने इस अवधि के लिए चीन को छोड़कर अन्य सभी देशों के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ की रेट 10 प्रतिशत कर दी है।
अमेरिका के साथ जल्द से जल्द बातचीत खत्म करने की कोशिश में भारत
इससे पहले, 15 अप्रैल को कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने कहा था कि भारत अमेरिका के साथ जल्द से जल्द बातचीत को खत्म करने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार उदारीकरण का रास्ता अपनाने का फैसला किया है। भारत और अमेरिका मार्च से ही द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस समझौते का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 500 अरब अमेरिकी डॉलर करना है, जो वर्तमान में लगभग 191 अरब अमेरिकी डॉलर है।
व्यापार समझौते में, दो देश अपने बीच व्यापार की जाने वाली अधिकतम चीजों पर सीमा शुल्क को या तो काफी कम कर देते हैं या खत्म कर देते हैं। वे सर्विसेज में व्यापार को बढ़ावा देने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए नियमों को भी आसान बनाते हैं। 2021-22 से लेकर 2024-25 तक अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर रहा है।