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'भारत-US साझेदारी 21वीं सदी का एक निर्णायक रिश्ता': SCO समिट के बाद नरम पड़ा अमेरिका

India Vs USA: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति और उनके प्रशासन द्वारा भारत की लगातार आलोचना किए जाने के कारण दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया है। इस बीच, चीनी बंदरगाह शहर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद अमेरिका अब नरम पड़ता दिख रहा है

अपडेटेड Sep 01, 2025 पर 3:21 PM
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India Vs USA: अमेरिकी दूतावास ने भारत-अमेरिका साझेदारी को 21वीं सदी का निर्णायक रिश्ता बताया (Photo- nyt)

India Vs USA: भारत एवं अमेरिका के संबंध पिछले दो दशक के संभवतः सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति और उनके प्रशासन द्वारा भारत की लगातार आलोचना किए जाने के कारण दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया है। इस बीच, चीनी बंदरगाह शहर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद अमेरिका अब नरम पड़ता दिख रहा है। भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती पर जोर दिया है। यह बयान रिश्तों के एक नाज़ुक दौर में आया है।

सोमवार को एक पोस्ट में अमेरिकी दूतावास ने भारत-अमेरिका साझेदारी को 21वीं सदी का निर्णायक रिश्ता बताया। साथ ही दोनों देशों के बीच सहयोग की व्यापकता पर प्रकाश डाला। दूतावास ने लिखा, "इस महीने हम उन लोगों, प्रगति और संभावनाओं पर प्रकाश डाल रहे हैं जो हमें आगे बढ़ा रहे हैं। इनोवेश और उद्यमिता से लेकर रक्षा और द्विपक्षीय संबंधों तक, यह हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच की स्थायी मित्रता ही है जो इस यात्रा को ऊर्जा प्रदान करती है।"

ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ में भारी बढ़ोतरी की भारत में आलोचना हुई है। जबकि वाशिंगटन ने रूस के साथ भारत के निरंतर ऊर्जा संबंधों पर नाखुशी जताई है। भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ संबंधों का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, "दोनों देशों के लोगों के बीच स्थायी मित्रता हमारे सहयोग की आधारशिला है और हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है क्योंकि हम अपने आर्थिक संबंधों की अपार संभावनाओं को साकार करते हैं।"

प्रधानमंत्री मोदी चीन की सार्थक यात्रा पूरी करने के बाद सोमवार को स्वदेश रवाना हो गए। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एवं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित विश्व के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।

पीएम मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में चीन आए थे। पीएम मोदी की चीन यात्रा सात साल के अंतराल के बाद हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में सोमवार को कहा कि पहलगाम में हुआ भयावह आतंकवादी हमला न केवल भारत की अंतरात्मा पर आघात है। बल्कि यह मानवता में विश्वास रखने वाले प्रत्येक राष्ट्र के लिए एक खुली चुनौती भी है। उन्होंने आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंड त्यागने की जोरदार वकालत की।


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पीएम मोदी ने भारत रवाना होने से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय वार्ता की। पीएम ने उनसे कहा कि यूक्रेन संघर्ष को यथाशीघ्र समाप्त करना मानवता का आह्वान है। प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आर्थिक, वित्तीय और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया तथा इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर आगे बढ़ने पर संतोष व्यक्त किया। पीएम मोदी ने रविवार को शिखर सम्मेलन से इतर शी जिनपिंग के साथ भी बातचीत की।

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