भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में लश्कर-ए-तैयाबा से जुड़े आतंकी संगठन- द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) पर बैन लगाने की मांग करेगा। ये वही आतंकी गुट है, जिसने पहले पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में मुकर गया था। MEA ने अपनी वीकली प्रेस ब्रीफिंग में ये भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कब और कैसे पाकिस्तानी DGMO की ओर से सीजफायर के लिए बातचीत की पहल की गई और भारत ने उस पर किस तरह से और किन शर्तों पर रिएक्ट किया। साथ ही MEA ने ये भी साफ किया कि जम्मू और कश्मीर के मसले पर किसी भी तीसरे पक्ष का दखल मंजूर नहीं है। भारत और पाकिस्तान आपस में ही इस मसले को सुलझाएंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने कई दौर की ब्रीफिंग की है और इन ब्रीफिंग में हमने आपके साथ पहलगाम हमले के अपराधियों, खास तौर पर द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के बीच जिस तरह के संबंध देखे हैं, उसे भी साझा किया है। विदेश सचिव ने अपने बयान में भी साफ किया है कि हमें किस तरह के सबूत मिले हैं और इस खास मामले में जांच चल रही है। आपने देखा होगा कि TRF ने जिम्मेदारी ली थी और दूसरे दिन, दो बार उन्होंने जिम्मेदारी ली थी। उसके बाद, शायद उनके आकाओं के कहने पर, उन्होंने इसे वापस ले लिया। लेकिन टीआरएफ एक ऐसा संगठन है, जो लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है। हम UNSC 1267 प्रतिबंध समिति की ओर से TRF को लिस्टेड करने की कोशिश कर रहे हैं।"
रणधीर जायसवाल ने POK का जिक्र करते हुए मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हमारा लंबे समय से राष्ट्रीय रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा। इस नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। लंबित मामला पाकिस्तान की ओर से अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र (POK) को खाली करना है।"
न्यू नॉर्मल को समझ ले पाकिस्तान
वीकली प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 10 मई को पाकिस्तान के DGMO की ओर से सीजफायर के लिए फोन किया गया। पाकिस्तान को अच्छे समझा दिया गया है कि अगर उसकी तरफ से फिर फायरिंग हुई, तो माकूल जवाब दिया जाएगा। हमारी सेना ने पाकिस्तान को अच्छे से जवाब दिया है। सिंधु जल समझौता भी फिलहाल रद्द ही रहेगा।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के ताजा बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने पाकिस्तानी पक्ष के दिए गए बयान को देखा है। एक ऐसा देश जिसने औद्योगिक पैमाने पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, उसे यह सोचना चाहिए कि वह इसके नतीजों से बच सकता है, यह खुद को बेवकूफ बनाना है। भारत की ओर से नष्ट किए गए आतंकवादी बुनियादी ढांचे न केवल भारतीयों की बल्कि दुनिया भर में कई दूसरे निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार थे। अब एक न्यू नॉर्मल चलन है। पाकिस्तान जितनी जल्दी इसे समझ लेगा, उतना ही बेहतर होगा।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्यापार बंद करने की धमकी के दावे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत होती रही। इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।"