इस साल बनेगा निर्यात का रिकॉर्ड, पीयूष गोयल ने कहा-870 अरब डॉलर पार कर सकता है एक्सपोर्ट

गोयल ने कहा कि सरकार का फोकस वैल्यू-एडेड और लेबर इनटेंसिव गुड्स और सर्विसेज का एक्सपोर्ट्स बढ़ाने पर है। गुड्स के एक्सपोर्ट्स की ग्रोथ 5-6 फीसदी रह सकती है, जबकि सर्विसेज का एक्सपोर्ट 9-10 फीसदी तक बढ़ सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग और फार्मा के क्षेत्र में इंडिया की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ रही है

अपडेटेड Jul 05, 2025 पर 6:18 PM
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इंडिया ने UAE, EFTA, UK और ऑस्ट्रेलिया के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया है। कई और देशों के साथ इस बारे में बातचीत चल रही है।

इस साल इंडिया एक्सपोर्ट्स का नया रिकार्ड बनाएगा। कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने यह अनुमान जताया है। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में गोयल ने कहा कि 2025 में निर्यात 870 अरब डॉलर से ज्यादा रह सकता है। 2024-25 में यह 825 अरब डॉलर था। खास बात यह है कि इंडिया ग्लोबल चैलेंजेज के बावजूद एक्सपोर्ट के मामले में रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। यह इंडियन इकोनॉमी की ताकत का संकेत है।

सर्विसेज एक्सपोर्ट की ग्रोथ 10 फीसदी रह सकती है

Piyush Goyal ने कहा कि सरकार का फोकस वैल्यू-एडेड और लेबर इनटेंसिव गुड्स और सर्विसेज का एक्सपोर्ट्स बढ़ाने पर है। गुड्स के एक्सपोर्ट्स की ग्रोथ 5-6 फीसदी रह सकती है, जबकि सर्विसेज का एक्सपोर्ट 9-10 फीसदी तक बढ़ सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग और फार्मा के क्षेत्र में इंडिया की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ रही है। गोयल ने बताया कि किस तरह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का फायदा हो रहा है और इंडिया का एक्सपोर्ट बढ़ रहा है।


कई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का मिल रहा फायदा

इंडिया ने UAE, EFTA, UK और ऑस्ट्रेलिया के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया है। कई और देशों के साथ इस बारे में बातचीत चल रही है। गोयल ने कहा, "बीते चार सालों में UAE को सर्विसेज का एक्सपोर्ट करीब दोगुना हो गया है। आस्ट्रेलिया को निर्यात तीन गुना हो गया है।" उन्होंने यूपीए सरकार के समय में हुए फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जापान के निर्यात में सुस्ती दिख रही है। उन्होंने जापान, ASEAN और दक्षिण कोरिया के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौतों के समीक्षा का अनुमान जताया।

खराब क्वालिटी के इंपोर्ट पर करीबी नजर

भारत चीन के साथ व्यापार के मामले में सावधानी बरत रहा है। चीन के प्रभुत्व वाले RCEP से बाहर होने के इंडिया के फैसले के बारे में यह चीन के साथ एफटीए के अलावा कुछ और नहीं था। इसकी वजह यह है कि दूसरे सदस्य देशों के साथ इंडिया का पहले से ही समझौते हैं। उन्होंने आसियान देशों के रास्ते चाइनीज गुड्स के शिपमेंट पर चिंताई जताई। उन्होंने कहा कि इंडिया खराब क्वालिटी के गुड्स के इंडिया में इंपोर्ट पर अंकुश लगाना चाहता है। सरकार की कोशिश घरेलू इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की है।

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चीन के साथ व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर के करीब

उन्होंने कहा कि चीन के साथ इंडिया का व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर है। लेकिन, इसकी तुलना यूपीए की सरकार वक्त के व्यापार घाटे से की जाए तो कमी आई है। उन्होंने कहा कि यूपीए के 10 साल के शासन में चीन के साथ व्यापार घाटा 25 गुना हो गया। 2014-15 से 2023-24 के बीच यह सिर्प 1.75 गुना हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी चीन से होने वाले आयात में रॉ मैटेरियल और कैपिटल गुड्स की ज्यादा हिस्सेदारी है। इनका इस्तेमाल इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग में होता है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Jul 05, 2025 6:13 PM

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