भारतीय सेना होगी अब और चुस्त, अग्निवीर से जनरल तक को पास करना होगा फिटनेस टेस्ट

Physical test for Army officers: भारतीय सेना ने फिटनेस को सर्वोच्च प्राथमिकता बनाते हुए नई कॉम्बाइंड फिजिकल टेस्ट (CPT) लागू करने का फैसला किया है। अब अग्निवीर से लेकर जनरल रैंक तक सभी अधिकारी और जवान साल में दो बार इस टेस्ट से गुजरेंगे। पहले 50 साल तक ही टेस्ट होता था, अब उम्र सीमा बढ़ाकर 60 साल कर दी गई है

अपडेटेड Oct 09, 2025 पर 9:17 AM
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Physical test for Army officers: ये टेस्ट BPET और PPT का संतुलित मिश्रण है, न बहुत आसान और न बहुत कठिन।

भारतीय सेना ने अब फिटनेस को सबसे अहम प्राथमिकता बनाने का फैसला किया है। इसके तहत सेना ने नई कॉम्बाइंड फिजिकल टेस्ट (CPT) लागू करने की घोषणा की है, जो अग्निवीर से लेकर जनरल रैंक तक सभी अधिकारियों और जवानों पर लागू होगी। इस टेस्ट को हर साल दो बार पास करना अनिवार्य होगा, यानी अब हर रैंक के सैनिकों और अधिकारियों को अपनी शारीरिक क्षमता साबित करनी होगी। ये नया नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। पहले सेना में केवल 50 साल तक के अधिकारी और जवान ही फिटनेस टेस्ट में शामिल होते थे, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 60 साल तक कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब जवानों और वरिष्ठ अधिकारियों को भी साल में दो बार अपनी फिटनेस जांच करवानी होगी।

ये कदम सिर्फ शक्ति और सहनशीलता के लिए नहीं, बल्कि सेना में स्वास्थ्य, अनुशासन और सामूहिक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए भी लिया गया है। CPT के तहत अब सेना में सभी रैंक और पद के अधिकारी समान मापदंड के तहत फिटनेस टेस्ट देंगे, जिससे सेना में समानता और आधुनिकता दोनों को बल मिलेगा।

कौन-कौन पास करेगा CPT?


नए नियम के मुताबीक, अब अग्निवीर, सिपाही, मेजर, लेफ्टिनेंट कर्नल, कर्नल, ब्रिगेडियर, मेजर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल और आर्मी कमांडर तक सभी को ये टेस्ट देना अनिवार्य होगा। लेफ्टिनेंट जनरल की रिटायरमेंट उम्र 60 साल है, इसलिए आर्मी चीफ को छोड़कर बाकी सभी वरिष्ठ और जूनियर अधिकारी इस टेस्ट में पास होंगे बिना, उनकी रैंक और पद की सुरक्षा पर सवाल उठ सकता है।

नया Combined Physical Test (CPT) क्या है?

पहले सेना में दो अलग-अलग टेस्ट होते थे—

  • BPET (Battle Physical Efficiency Test): 45 साल तक के जवानों और अधिकारियों के लिए। इसमें पूरे बैटल गियर (4.5 किलो वजन) के साथ 5 किलोमीटर दौड़ शामिल थी।
  • PPT (Physical Proficiency Test): 50 साल तक के अफसरों के लिए, इसमें 2.4 किलोमीटर दौड़ होती थी।

अब इन दोनों को मिलाकर CPT बनाया गया है। इसका मकसद है फिटनेस मानकों को सरल, आधुनिक और सभी रैंक व जेंडर के लिए समान बनाना।

CPT में उम्र सीमा और टेस्ट की शर्तें

पहले अधिकारी और जवान साल में चार बार फिटनेस टेस्ट देते थे। CPT के तहत ये संख्या घटकर दो बार हो गई है। साथ ही अब उम्र सीमा 60 साल तक बढ़ा दी गई है।

55 साल तक: CPT ‘सुपरविजन’ में

55 से 60 साल: CPT ‘सेल्फ-असेसमेंट’ के रूप में

इससे ये साफ है कि अब सेना में उम्र नहीं, बल्कि फिटनेस ही मायने होगी।

CPT टेस्ट की गतिविधियां

CPT में शामिल हैं—

3.2 किलोमीटर दौड़ या तेज वॉक (4.5 किलो वजन के साथ)

पुश-अप्स और सिट-अप्स

वर्टिकल रोप क्लाइंबिंग (रस्सी पर चढ़ना)

ये टेस्ट BPET और PPT का संतुलित मिश्रण है, न बहुत आसान और न बहुत कठिन।

ग्रेड सिस्टम और टीम वर्क

अब CPT में ग्रेड सिस्टम भी लागू किया गया है:

  • 12 अंक: सुपर एक्सीलेंट
  • 10 अंक: एक्सीलेंट
  • 8 अंक: गुड
  • 6 अंक: संतोषजनक

सेना ने यूनिट ऑपरेशनल इफिशिएंसी टेस्ट भी शुरू किया है ताकि टीमवर्क और सामूहिक समन्वय को बढ़ावा मिले।

प्रमोशन पर असर

हर प्रतिभागी को कम से कम 6 अंक हासिल करना अनिवार्य होगा। यदि कोई अधिकारी या जवान पास नहीं हुआ, तो उसका प्रमोशन और वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) प्रभावित होगी। यानी फिटनेस अब सिर्फ शारीरिक क्षमता नहीं, बल्कि करियर का भी अहम हिस्सा बन चुकी है।

हर उम्र में फिट रहने की सेना की सोच

सेना हमेशा अनुशासन और ताकत की मिसाल रही है। अब ये कदम दिखाता है कि फिटनेस सेना की संस्कृति का हिस्सा बन गई है। सीनियर ऑफिसर भी मैदान में उतरेंगे, जिससे जवानों में जोश, प्रेरणा और टीम भावना बढ़ेगी।

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