भारतीय वायुसेना राजस्थान में पाकिस्तान के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास करेगी। आज शाम जारी नोटम (नोटिस टू एयरमैन) में यह जानकारी दी गई। अभ्यास बुधवार रात 9.30 बजे शुरू होगा और लगभग साढ़े पांच घंटे बाद खत्म होगा, इस दौरान सीमा के नजदीक एयरपोर्ट पर न ही कोई फ्लाइट टेकऑफ करेगी और न ही लैंडिंग। NOTAM और IAF का ये युद्ध अभ्यास ऐसे समय हो रहा है, जब पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान की बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। इस कदम को भारत के अपनी सैन्य ताकत दिखाने के रूप में देखा जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) गुजरात से जम्मू के अखनूर तक लगभग 2,400 किलोमीटर तक फैली हुई है। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब पाकिस्तानी सेना भारत के साथ पड़ोसी देश की सीमा के अन्य हिस्सों, खासकर जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LOC) पर संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन कर रही है। इसने कई सेक्टरों में बिना उकसावे के गोलीबारी की है, जिसके चलते भारतीय सेना ने कड़ी और सोची-समझी प्रतिक्रिया दी है।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, सीमा पार से गोलीबारी का नवीनतम दौर फरवरी 2021 में हुए संघर्ष विराम समझौते को और कमजोर करता है। 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के लगातार उल्लंघन के कारण अब इसे काफी हद तक अप्रभावी माना जाता है।
उल्लंघन की शुरुआत कश्मीर घाटी के उत्तरी जिलों कुपवाड़ा और बारामुल्ला से हुई, जो दक्षिण की ओर राजौरी, पुंछ, अखनूर और जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास परगवाल सेक्टर तक फैल गया। गोलीबारी से पांच सीमावर्ती जिले प्रभावित हुए - बारामुल्ला, कुपवाड़ा, पुंछ, राजौरी और जम्मू।
24 अप्रैल की रात से, जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था, पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा पर भारतीय चौकियों को बार-बार निशाना बनाया है, जिसकी शुरुआत कश्मीर घाटी से हुई और तेजी से यह जम्मू क्षेत्र तक फैल गया।
युद्ध अभ्यास के साथ सिविल डिफेंस मॉकड्रिल भी
इस युद्ध अभ्यास के साथ-साथ बुधवार को देशभर में सिविल डिफेंस मॉकड्रिल भी होगा। पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के बाद से कभी सिविल डिफेंस मॉकड्रिल नहीं हुआ है। ये अभ्यास राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित करीब 300 जगहों पर होंगे।
'सिविल डिफेंस' जिला एक भौगोलिक क्षेत्र को संदर्भित करता है, जिसमें सशस्त्र बल सुविधा या महत्वपूर्ण आर्थिक या सार्वजनिक अवसंरचना, जैसे तेल रिफाइनरी या न्यूक्लियर प्लांट हो।