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वित्त वर्ष 2026 में 6.5% रहेगी भारत की विकास दर, बढ़ती अनिश्चितता के चलते ग्लोबल ग्रोथ में आएगी कमी : फिच

रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत के वित्त वर्ष 2026 के पूर्वानुमान को पहले के 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। जबकि वित्त वर्ष 2027 के लिए 6.3 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान लगाया है। इसने दिसंबर के अपडेट में वित्त वर्ष 2027 के लिए 6.2 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया था

अपडेटेड Mar 19, 2025 पर 12:04 PM
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ग्लोबल फ्रंट पर, फिच ने 2024 के ग्रोथ अनुमान को 0.3 प्रतिशत घटाकर 2.3 प्रतिशत कर दिया, जबकि पहले यह अनुमान 2.9 प्रतिशत था

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने 19 मार्च को कहा कि बाहरी मांग पर कम निर्भरता के चलते भारत को टैरिफ पर अमेरिकी कार्रवाई से बहुत ज्यादा नुकसान होने की हउम्मीद नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2026 में 6.5 प्रतिशत और अगले वर्ष 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ती नजर आएगी। फिच ने भारत के वित्त वर्ष 2026 के पूर्वानुमान को पहले के 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। जबकि वित्त वर्ष 2027 के लिए 6.3 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान लगाया है। गौरतलब है कि इसने दिसंबर के अपडेट में वित्त वर्ष 2027 के लिए 6.2 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया था।

फिच ने इस रिपोर्ट में कहा, "हमें वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रहने तथा वित्त वर्ष 2026-27 में ग्रोथ रेट मामूली गिरावट के साथ 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। ये पूर्वानुमान दिसंबर के GEO से थोड़े ही बदले हैं।"

फिच का पूर्वानुमान OECD की तुलना में बेहतर है, जिसने वित्त वर्ष 2026 में 6.4 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान लगाया है। लेकिन यह भारतीय रिजर्व बैंक के 6.7 प्रतिशत के अनुमान से कम है।


इस बीच अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी है और वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है जो जुलाई-सितंबर की अवधि के लगभग दो वर्ष के निचले स्तर 5.6 प्रतिशत से बेहतर है।

फिच ने आगे कहा कि उसे नहीं लगता कि इकोनॉमी की यह नरमी आर्थिक गतिविधियों में लंबे समय तक मंदी का कारण बनेगी। उपभोक्ता और कारोबारी भरोसा मजबूत बना हुआ है। बुनियादी ढांचे के विस्तार पर फोकस से निवेश बढ़ रहा है, क्षमता उपयोग उच्च स्तर पर बना हुआ है और मंथली ट्रेड डेट से अक्टूबर में निर्यात में तेज बढ़त के संकेत मिल रहे हैं।

फिच ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 6.4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया है। इसके अलावा इसने भारत के महंगाई के पूर्वानुमान को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है और वित्त वर्ष 2027 के महंगाई के पूर्वानुमान को पहले के 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया। फिच का यह भी मानना है कि भारत में महंगाई आरबीआई के 4 फीसदी के लक्ष्य की और घटती दिखेगी। इसके साथ आरबीआई दरों में कटौती करेगा। फिच का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 के अंत तक दरें 5.75 प्रतिशत पर आ जाएंगी।और वित्त वर्ष 2027 के अंत तक कोई कटौती नहीं होगी। अपने दिसंबर अपडेट में, रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2026 के लिए 6.25 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2027 के अंत तक 6 प्रतिशत की दर का अनुमान लगाया था।

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ग्लोबल फ्रंट पर, फिच ने 2024 के ग्रोथ अनुमान को 0.3 प्रतिशत घटाकर 2.3 प्रतिशत कर दिया, जबकि पहले यह अनुमान 2.9 प्रतिशत था। फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा "हमारे ताजे आर्थिक पूर्वानुमानों के मुताबिक 2025 में यूरोप, कनाडा, मैक्सिको और दूसरे देशों पर 15 प्रतिशत प्रभावी टैरिफ दर (ETR) लगाई जाएगी। चीन पर यह दर 35 प्रतिशत हो सकती। इससे इस साल अमेरिका में प्रभावी टैरिफ दर (ETR) 18 प्रतिशत हो जाएगी। जबकि अगले साल कनाडा और मैक्सिको पर ETR, 10 प्रतिशत तक गिर जाने से यह 16 प्रतिशत पर आ जाएगी। यह 90 वर्षों में सबसे अधिक दर होगी। मॉडलिंग से पता चलता है कि टैरिफ में बढ़त की वजह से 2026 तक अमेरिका, चीन और यूरोप की जीडीपी में लगभग 1 परसेंटेज प्वाइंट की कमी आएगी।"

अमेरिका ने पहले ही स्टील और एल्युमीनियम प्रोडक्ट पर टैरिफ लगा दिया है। उसने चीन, कनाडा और मैक्सिको पर भी टैरिफ लगा दिया है।

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