बाजार का सेंटिमेंट कमजोर, लेकिन देश में मर्जर और अधिग्रहण का गतिविधियों ने पकड़ा जोर, जानिए क्या हैं इसके मायने

बजाज ग्रुप ने Allianz में 24,000 करोड़ रुपए के निवेश से 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। इस सौदे के चलते बजाज ग्रुप के लाइफ और जनरल इंश्योरेंस कारोबार से जल्द ही एलियांज की विदाई होने वाली है। इस अधिग्रहण से बजाज ग्रुप की बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस और बजाज एलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी बढ़कर 100 फीसदी हो जाएगी

अपडेटेड Mar 19, 2025 पर 11:10 AM
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ब्लैकस्टोन ने कोल्टे पाटिल में 1,800 करोड़ रुपए के निवेश से 66 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। आगे और डील्स की भी संभावनाएं हैं

पिछले 6 महीने से बाजार का सेंटिमेंट कमजोर है लेकिन देश में मर्जर और अधिग्रहण (M&A) की एक्टिविटी ने फुल जोर पकड़ लिया है। पिछले 1 महीने से कंपनियां एक के बाद एक मर्जर और अधिग्रहण (ACQUISITIONS) कर रही हैं। सेंटिमेंट कमजोर फिर भी M&A पर फुल जोर का आलम ये है कि 1 महीने में 40,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के मर्जर और अधिग्रहण हुए हैं। घरेलू स्तर पर, M&A एक्टिविटी बढ़ी है। M&A में उछाल भारतीय इकोनॉमी में भरोसा दिखाती है।

मर्जर और अधिग्रहण के तहत कोई एक कंपनी दूसरी कंपनी को खरीदती है या दोनों कंपनियां मिलकर एक नई कंपनी बनाती हैं। हाल ही में भारतीय बाजार में M&A डील्स तेजी से बढ़े हैं। इससे निवेशकों के लिए भी कई अहम संकेत निकलकर आते हैं। इसका मतलब है कि बाजार अच्छी संभावनाएं बनी हुई हैं। कंपनियों को आगे अच्छी ग्रोथ की संभावना दिख रही है। निवेशक इस ट्रेंड से यह समझ सकते हैं कि कॉरपोरेट सेक्टर लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहा है, जिससे बाजार में स्थिरता आ सकती है।

M&A पर फुल जोर


हाल में हुई M&A गतिविधियों पर नजर डालें तो बजाज ग्रुप ने Allianz में 24,000 करोड़ रुपए के निवेश से 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। इस सौदे के चलते बजाज ग्रुप के लाइफ और जनरल इंश्योरेंस कारोबार से जल्द ही एलियांज की विदाई होने वाली है। इस अधिग्रहण से बजाज ग्रुप की बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस और बजाज एलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी बढ़कर 100 फीसदी हो जाएगी। इसी तरह Temasek ने हल्दीराम में 8,700 करोड़ रुपए के निवेश से 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है।

ब्लैकस्टोन ने कोल्टे पाटिल में 1,800 करोड़ रुपए के निवेश से 66 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। उधर सन फार्मा ने नैस्डैक (Nasdaq) में लिस्टेड इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड ऑन्कोलॉजी कंपनी चेकपॉइंट थेरेप्यूटिक्स (Checkpoint Therapeutics) का अधिग्रहण करने के लिए पक्का करार किया है। यह सौदा 35 करोड़ डॉलर (करीब 3,099 करोड़ रुपये) के नकद भुगतान में किया जाएगा। मोतीलाल ओसवाल अल्टरनेट्स (Motilal Oswal Alternates) ने मेगा फाइन फार्मा में 460 करोड़ रुपए के निवेश से मेजोरिटी हिस्सेदार खरीदने का ऐलान किया है।

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इसके अलावा आगे और डील्स की भी संभावनाएं हैं। जैसे टाटा संस, टाटा प्ले में 10 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीद सकती है। दूसरी डील -360 ONE की हो सकती है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें UBS हिस्सेदारी खरीद सकती है। इन गतिविधियों से संकेत मिलता है कि भारतीय कंपनियां M&A के जरिए अपना कारोबार बढ़ाने पर फोकस कर रही हैं। देश में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी और भारतीय कंपनियों की आक्रामक रणनीति दर्शाती है कि भारतीय बाजार में संभावनाएं अब भी मजबूत हैं।

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