इंडिया से अमेरिका से एलपीजी के इपोर्ट के लिए एक साल की डील की है। पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने 17 नवंबर को इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एनर्जी के सोर्सेज के डायवर्सिफिकेशन के लिए इंडिया ने एलपीजी के इंपोर्ट के लिए अमेरिका से एक ऐतिहासिक डील की है। सरकार की ऑयल कंपनियों ने सालाना 2.2 मिलियन टन एलपीजी आयात के लिए यह डील की है।
एलपीजी के स्रोतों का डायवर्सिफिकेशन कर रही सरकार
पुरी ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, "देश के लोगों को सस्ती एलपीजी की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए हम एलपीजी के स्रोतों का डायवर्सिफिकेशन कर रहे हैं। इस डील के तहत पीएसयू ऑयल कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट ईयर 2026 में अमेरिकी गोल्फ कोस्ट से एलपीजी इंपोर्ट करेंगी। यह इंडियन मार्केट के लिए यूएस एलपीजी का पहला स्ट्रक्चर्ड कॉन्ट्रैक्ट है।"
IOC, BPCL और HPCL के अधिकारी अमेरिका गए थे
उन्होंने कहा कि एलपीजी की इस खरीद के लिए Mount Belvieu बेंचमार्क का इस्तेमाल होगा। IOC, BPCL और HPCL के टॉप अधिकारियों की एक टीम अमेरिका गई थी। डील से पहले भारतीय कंपनियों के अधिकारियों ने पिछले कुछ महीनों में ऑयल का उत्पादन करने वाली बड़ी कंपनियों से बातचीत की। सरकार की ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में उछाल के बावजूद ग्राहकों को कम कीमतों पर एलपीजी उपलब्ध कराती हैं।
सरकार का फोकस ग्राहकों को सस्ता सिलेंडर उपलब्ध कराने पर
पेट्रोलियम मिनिस्टर ने बताया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में पीएसयू ऑयल कंपनियां हमारी सभी माताओं और बहनों को ग्लोबल कीमतों के मुकाबले काफी कम कीमत पर एलजीपी की सप्लाई करती हैं। पिछले साल ग्लोबल प्राइसेज 60 फीसदी तक चढ़ने के बावजूद मोदी जी ने इस बात का ध्यान रखा कि उज्ज्वला कंज्यूमर्स को एलपीजी सिलेंडर सिर्फ 500-550 रुपये में मिलना चाहिए, जबकि सिलेंडर की असल कीमत 1,100 रुपये से ज्यादा थी।" पिछले साल केंद्र सरकार ने माताओं और बहनों को कम कीमत पर सिलेंडर उपलब्ध कराने पर 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया था।
इस साल के अंत तक अमेरिका से ट्रेड डील होने की उम्मीद
अमेरिका से एलपीजी इंपोर्ट की यह डील ऐसे वक्त हुई है, जब दोनों देशों के बीच इस साल के अंत तक ट्रेड डील हो जाने की उम्मीद है। उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इंडिया पर लगाया गया अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ हटा देंगे। अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर इंडिया पर यह टैरिफ लगाया है, जो इस साल 26 अगस्त से लागू है। इससे कुल मिलाकर इंडिया पर अमेरिकी टैरिफ 50 फीसदी हो गया है।