भारतीय नौसेना को तमाल मिल गया है। यह ऐसे वक्त इंडियन नेवी में शामिल हुआ है, जब भारत के लिए चुनौतियां बढ़ी हैं। तमाल रूस में बना है। हालांकि, यह विदेश में बना आखिरी युद्धपोत है, जो भारतीय नौसेना में शामिल हुआ है। आगे भारतीय नौसेना में शामिल होने वाले सभी युद्धपोत इंडिया में बने होंगे। सरकार डिफेंस के मामले में आत्मनिर्भरता चाहती है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा डिफेंस इक्विपमेंट, हथियार, युद्धपोत और लड़ाकू जहाजों का इंडिया में उत्पादन करने पर जोर है।
3,900 टन का मल्टी-रोल स्टील्थ फ्रिगेट है तमाल
तमाल (Tamal) 3,900 टन का मल्टी-रोल स्टील्थ फ्रिगेट है। यह रूस से मिली क्रिवाक क्लास फ्रिगेट्स सीरीज का आखिरी युद्धपोत है। पिछले दो दशकों में रूस से इस सीरीज के 8 युद्धपोत मिल चुके हैं। यह युद्धपोत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस है। भारतीय नौसेना ने तमाल को समुद्र में तैरता ऐसा किला बताया है, जिसे भेदना दुश्मन के लिए बहुत मुश्किल होगा। इसे ब्लू वाटर ऑपरेशन के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है।
क्रू में 250 सेलर्स और 26 अधिकारी शामिल
इसकी मारक क्षमता अचूक है। यह एयर, सर्फेस, अंडरवाटर और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैपिबिलिटी से लैस है। इसके क्रू में करीब 250 सेलर्स और 26 अधिकारी शामिल हैं। इसकी कमान कैप्टन श्रीधर टाटा के हाथ में है, जो एक मिसाइल वॉरफेयर स्पेशियलिस्ट हैं। यह युद्धपोत न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल डिफेंस सिस्टम से भी लैस है। अभी इंडियन नेवी के लिए करीब 59 युद्धपोत तैयार हो रहे हैं। इन पर करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये की कॉस्ट आएगी।
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इंडियन नेवी को काफी चैलेजिंग टाइम में मिला है तमाल
वॉर एक्सपर्ट्स का कहना है कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारतीय उपमहाद्वीप में स्थितियां बदल गई हैं। इंडिया को तीन तरफ से खतरा है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए इंडिया को अपनी रक्षा तैयारियां विश्व-स्तरीय बनाने की जरूरत है। मई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत में रिहायशी इलाकों को निशाना बनाना शुरू किया था। लेकिन, भारत के मजबूत डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की तरफ से दागी गई मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही मार गिराए। इससे इंडिया में जानमाल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, जबकि भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया।