Gaganyaan Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने गगनयान मिशन की तैयारी के तहत एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ISRO ने अपना पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस परीक्षण का उद्देश्य पैराशूट-आधारित डीसेलरेशन प्रणाली का पूरी तरह से टेस्टिंग करना था, जो गगनयान मिशन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
इसरो ने बताया कि यह परीक्षण कई भारतीय रक्षा और अनुसंधान संगठनों के सहयोग से किया गया था। इसमें भारतीय वायु सेना, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह परीक्षण गगनयान मिशन के लिए पैराशूट-आधारित सिस्टम की कार्यक्षमता को प्रमाणित करने के लिए एक अंतिम चरण का प्रयास था।
क्या है गगनयान मिशन पर अपडेट?
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में लोकसभा में बताया कि भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान के लिए कई महत्वपूर्ण काम पूरे हो चुके हैं।
लॉन्च व्हीकल: मानव-रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) का विकास और ग्राउंड टेस्टिंग पूरी हो चुकी है।
ऑर्बिटल मॉड्यूल: क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल के लिए प्रोपल्शन सिस्टम बनाए और उनका परीक्षण किया जा चुका है।
क्रू एस्केप सिस्टम (CES): क्रू की सुरक्षा के लिए 5 तरह के मोटर्स का डेवलपमेंट और टेस्टिंग हो चुकी है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर: ऑर्बिटल मॉड्यूल तैयारी फैसिलिटी, गगनयान कंट्रोल सेंटर और क्रू ट्रेनिंग सुविधा जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे भी एस्टेब्लिश किए जा चुके है।
पायलट मिशन: पहले मानवरहित मिशन (G1) के लिए सभी जरूरी घटक तैयार कर लिए गए है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि अगला लक्ष्य निम्न पृथ्वी कक्षा (low Earth orbit) में एक मानव निवास या स्पेस स्टेशन विकसित करना है, ताकि भविष्य में लंबे मानव अंतरिक्ष मिशनों को अंजाम दिया जा सके।
ISRO का महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन भारत को अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला चौथा देश बनाने की ओर एक बड़ा कदम है। इस मिशन का लक्ष्य तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर की निचली पृथ्वी कक्षा (low-Earth orbit) में भेजना है और उन्हें तीन दिनों के बाद सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इस पूरी प्रक्रिया के लिए ISRO ने कई महत्वपूर्ण परीक्षण और विकास कार्य पूरे किए हैं, जिसमें क्रू मॉड्यूल का सफल परीक्षण, लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM3) का मानव-रेटेड अपग्रेड और क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण शामिल है। ISRO के अनुसार, गगनयान मिशन का पहला मानवरहित मिशन G1 इस साल के अंत तक लॉन्च होने की उम्मीद है, जिसके बाद दूसरा मानवरहित मिशन और फिर आखिर में मानव मिशन लॉन्च किया जाएगा।