जयपुर सुसाइड मामले में बड़ा खुलासा, स्कूल नहीं जाना चाहती थी छात्रा...मां के साथ बातचीत का ऑडियो आया सामने

Jaipur Suicide Case : बच्ची ने अपनी रिकॉर्डिंग में कहा था, “मैं स्कूल नहीं जाना चाहती, कृपया मुझे मत भेजिए।” यह वही दर्द भरा पल था, जिसे उसका परिवार अब एक साल से ज़्यादा समय से अनदेखा किए जाने की शिकायत कर रहा है। 1 नवंबर को जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में चौथी मंजिल से कूदकर नौ साल की इस बच्ची ने अपनी जान दे दी

अपडेटेड Nov 10, 2025 पर 5:09 PM
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आत्महत्या के एक हफ्ते बाद एक चौंकाने वाली ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई है।

जयपुर के एक निजी स्कूल में नौ साल की बच्ची की आत्महत्या के एक हफ्ते बाद एक चौंकाने वाली ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई है। इस रिकॉर्डिंग में बच्ची अपनी मां से रोते हुए कहती सुनी जा सकती है कि उसे स्कूल नहीं जाना और किसी दूसरे स्कूल में एडमिशन करा दें। ऑडियो से पता चलता है कि बच्ची को स्कूल में लगातार परेशानी झेलनी पड़ रही थी, लेकिन स्कूल प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

इस रिकॉर्डिंग से उठे कई सवाल

बच्ची ने अपनी रिकॉर्डिंग में कहा था, “मैं स्कूल नहीं जाना चाहती, कृपया मुझे मत भेजिए।” यह वही दर्द भरा पल था, जिसे उसका परिवार अब एक साल से ज़्यादा समय से अनदेखा किए जाने की शिकायत कर रहा है। 1 नवंबर को जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में चौथी मंजिल से कूदकर नौ साल की इस बच्ची ने अपनी जान दे दी। वह करीब 48 फीट की ऊंचाई से गिरी थी। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में बच्ची को रेलिंग पर चढ़ते और फिर नीचे कूदते हुए देखा गया, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया।


छात्रा के परिवार ने बताई ये बात

घटना के बाद पुलिस और शिक्षा विभाग ने अपनी-अपनी जांच शुरू की है, लेकिन बच्ची के परिवार का कहना है कि कार्रवाई बेहद धीमी है और अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लड़की के चाचा साहिल देव ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बताया कि यह दर्दनाक ऑडियो पिछले साल जुलाई में रिकॉर्ड किया गया था। उन्होंने कहा, “वह एक साल से ज़्यादा समय से स्कूल में दूसरे छात्रों से परेशान हो रही थी। हमने कई बार उसकी क्लास टीचर को इसकी शिकायत की, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया।” परिवार ने बच्ची का एडमिशन दूसरे स्कूल में कराने की भी कोशिश की थी, लेकिन वह संभव नहीं हो सका।

परिवार ने स्कूल पर लगाया आरोप!

देव ने जांच टीम के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा, “शिक्षा विभाग की जांच टीम के एक सदस्य ने तो यह तक कह दिया कि ‘लड़की ने हैलोवीन क्यों मनाया?’ — यह बहुत ही असंवेदनशील और बेकार की बात थी।” उन्होंने बताया कि एक शिक्षक ने जांच के दौरान स्वीकार किया कि बच्ची को स्कूल में परेशानी का सामना करना पड़ा था। देव ने कहा, “इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। घटना को नौ दिन हो चुके हैं, लेकिन जांच अभी तक आगे नहीं बढ़ी।”

परिवार का कहना है कि उन्होंने कई बार बच्ची के साथ हो रही बदमाशी की शिकायत उसकी क्लास टीचरों से की थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जानकारी के मुताबिक, जिस दिन बच्ची ने यह कदम उठाया, उस दिन भी कुछ छात्रों ने उसे धमकाया था, लेकिन स्कूल ने फिर इस मामले को नजरअंदाज़ कर दिया। इससे परेशान होकर वह कक्षा से बाहर चली गई। एक शिक्षिका ने भी जांच में माना कि बच्ची उनके पास आई थी और उसने कुछ छात्रों द्वारा परेशान करने और गालियां देने की शिकायत की थी, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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