Rising Bharat Summit : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत टैरिफ पर समझौते तक पहुंचने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत कर रहा है। इस मुद्दे पर यह उनकी पहली प्रतिक्रिया थी। दिल्ली में राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, "रिसीप्रोकल टैरिफ से निपटने के लिए भारत की रणनीति ट्रम्प प्रशासन के साथ जुड़ना और अमेरिकियों के साथ इसकी शर्तों पर चर्चा करना है। पिछले छह हफ्तों में भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर जितनी चर्चा की है, उतनी पिछले दो सालों में यूरोप के साथ नहीं हुई है।"
जयशंकर ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस समय इस बारे में बात करना संभव है कि टैरिफ का क्या प्रभाव होगा,लेकिन उन्होंने दावा किया कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत संभवतः एकमात्र ऐसा देश है जिसके साथ अमेरिका की "सिद्धांतिक स्तर पर समझ है"।
उन्होंने आगे कहा कि भारत अमेरिका के साथ बहुत खुले और रचनात्मक तरीके के बातचीत कर रहा है। अमेरिका हमारे साथ इस मुद्दे पर काम कर रहा है। इस साल हमारी इस बातचीत का सकारात्मक नतीजा देखने को मिल सकता है। हमारी रणनीति ईमानदारी से अपना लक्ष्य हासिल करने का हा। यही हमारा उद्देश्य रहा है। हम व्यापार समझौते पर इसी लक्ष्य के साथ बातचीत कर रहे हैं।
दूसरे पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों पर बात करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन संबंध सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। बांग्लादेश के साथ भारत के संबंध लोगों के आपसी संबंधों से जुड़े हैं,न कि मौजूदा सरकार से। भारत से ज़्यादा कोई देश बांग्लादेश के लिए अच्छा नहीं चाहता,हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश सही दिशा में आगे बढ़ेगा,सही काम करेगा। पाकिस्तान पर बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अगर आप आतंकवाद की इंडस्ट्री शुरू करेंगे,तो आप उसमें डूब जाएंगे और पाकिस्तान में यही हो रहा है। कनाडा-भारत संबंधों पर बात करते हुए उन्होंनें कहा कि भारत के साथ संबंधों की दिशा कनाडा के हितों के अनुकूल नहीं रही है।