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जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में लगी आग से लेकर कैश मिलने और ट्रांसफर तक, कब-कब क्या हुआ, जानें पूरी डिटेल

जस्टिस वर्मा ने आरोपों का पुरजोर खंडन करते हुए कहा कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार के सदस्यों ने स्टोर रूम में कोई कैश रखा या निकाला। उन्होंने मीडिया रिपोर्टों पर निराशा जताई और जले हुए नोटों की बोरियां बरामद न होने पर सवाल उठाया और तर्क दिया कि यह पूरा मामला उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश लगता है

अपडेटेड Mar 23, 2025 पर 2:59 PM
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जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में लगी आग से लेकर कैश मिलने तक, कब-कब क्या हुआ, जानें पूरी डिटेल

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले पर जले हुए नोट मिलने के आरोपों की जांच के लिए तीन जजों का एक जांच पैनल बनाया था। अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट को यह भी निर्देश दिया कि जांच लंबित रहने तक उन्हें सौंपे गए सभी न्यायिक काम स्थगित कर दिए जाएं। जस्टिस वर्मा ने आरोपों का पुरजोर खंडन करते हुए कहा कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार के सदस्यों ने स्टोर रूम में कोई कैश रखा या निकाला।

उन्होंने मीडिया रिपोर्टों पर निराशा जताई और जले हुए नोटों की बोरियां बरामद न होने पर सवाल उठाया और तर्क दिया कि यह पूरा मामला उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश लगता है।

घटना की पूरी टाइम लाइन पर डालें एक नजर


14 मार्च, 2025

11:30 PM: जस्टिस वर्मा के घर के स्टोररूम में आग लग गई, कथित तौर पर शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी। जस्टिस वर्मा और उनकी पत्नी उस समय मध्य प्रदेश में थे। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि स्टोर रूम हमेशा बंद रहता है, जबकि जस्टिस वर्मा का दावा है कि यह हमेशा खुला रहता है और “सभी के लिए” का आना जाना रहता है।

11:43 PM: जस्टिस वर्मा के निजी सचिव ने PCR कॉल की। फायर फाइटर टीम और दो फायर ब्रिगेड गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं। आग के बाद के वीडियो और तस्वीरों में आधे जले हुए नोटों का पता चला है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने 4-5 आधे जले हुए बोरों में भारतीय करेंसी नोटों की मौजूदगी की पुष्टि की है।

15 मार्च, 2025

सुबह: कुछ मलबा और जली हुई वस्तुएं हटाई गईं, जिसकी पुष्टि 16 मार्च को दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने की।

4:50 PM: दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को घटना की जानकारी दी, जिन्होंने रजिस्ट्रार सह सचिव को घटनास्थल का दौरा करने का निर्देश दिया।

शाम: दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना के साथ घटना की डेटल दी।

शाम: जस्टिस वर्मा और उनकी पत्नी भोपाल से दिल्ली स्थित अपने आवास पर लौट आए।

9:10 बजे: रजिस्ट्रार सह सचिव जस्टिस वर्मा के घर और स्टोर रूम का दौरा करते हैं, लेकिन जले हुए कैश मिलने की कोई सूचना नहीं दी।

16 मार्च, 2025

शाम: दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जिस्टस दिल्ली पहुंचे और पुलिस की ओर से बताई गई जानकारी शेयर करने के लिए चीफ जस्टिस खन्ना से मिले। चीफ जस्टिस ने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को जस्टिस वर्मा से संपर्क करने का निर्देश दिया।

17 मार्च, 2025

सुबह 8:30 बजे: दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने जिस्टस वर्मा से मुलाकात की और घटना की तस्वीरें और वीडियो पेश किए। जस्टिस वर्मा ने इस घटना को "साजिश" बताया।

20 मार्च, 2025

दिल्ली HC के चीफ जस्टिस ने CJI जस्टिस खन्ना के साथ तस्वीरें और वीडियो शेयर किए।

शाम: CJI ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद HC में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव रखा। दिल्ली HC के चीफ जस्टिस ने प्रस्ताव पर सहमति जताई।

21 मार्च, 2025

दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने CJI जस्टिस खन्ना को पत्र लिखकर कहा कि शुरुआत, स्टोररूम तक पहुंच केवल घर के सदस्यों, नौकरों, माली और CPWD कर्मियों तक ही सीमित थी, इसलिए आगे की जांच की जरूरत है।

CJI जस्टिस खन्ना ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को निर्देश दिया कि वे जस्टिस वर्मा के पिछले छह महीनों के स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों का ब्यौरा और उनके कॉल रिकॉर्ड पेश करें। CJI ने निर्देश दिया कि जस्टिस वर्मा को अपने मोबाइल डिवाइस, कॉल रिकॉर्ड या मैसेज को नष्ट नहीं करना चाहिए।

CJI ने जस्टिस वर्मा से तीन अहम सवाल पूछे:

- आप अपने घर के स्टोर रूम में नकदी की मौजूदगी का क्या कारण बताते हैं?

- उक्त कमरे में मिले कैश का सोर्स बताएं।

- वह व्यक्ति कौन है, जिसने 15 मार्च की सुबह कमरे से जली हुई करेंसी निकाली?

- दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने औपचारिक रूप से जस्टिस वर्मा को ये सवाल बताए, और आरोपों को "बहुत परेशान करने वाला" बताया, और चीफ जस्टिस से भी वही सवाल पूछे।

22 मार्च, 2025

जस्टिस वर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को जवाब देते हुए कहा कि ये आरोप उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि आग स्टोर रूम में लगी, जो कि "सभी के लिए सुलभ और उपयोगी" है।

उन्होंने बताया कि घर पर केवल उनकी बेटी और उनकी मां ही थीं। दावा किया कि आग बुझाने के बाद परिवार और कर्मचारियों ने कोई नकदी या करेंसी नहीं देखी। उन्होंने ये जवाब दिए:

- मुझे कभी भी पता नहीं चला कि आउटहाउस के स्टोररूम में कोई पैसा या नकदी पड़ी है। न तो मुझे और न ही मेरे परिवार के किसी सदस्य को नकदी के बारे में कोई जानकारी थी और न ही इसका मुझसे या मेरे परिवार से कोई संबंध है।

- मेरे ऊपर दिए गए जवाब में करेंसी के सोर्स को साफ करने का सवाल ही नहीं उठता। मैं इस आरोप का भी दृढ़ता से खंडन करता हूं और अगर ऐसा आरोप लगाया गया है कि हमने स्टोररूम से करेंसी निकाली है, तो उसे पूरी तरह से खारिज करता हूं। जैसा कि ऊपर बताया गया है, हमें न तो जले हुए नोटों की बोरियां दिखाई गईं और न ही सौंपी गईं। मैं 15 मार्च की शाम को अपनी पत्नी के साथ लौटा। मेरे किसी भी कर्मचारी ने किसी भी रूप में कोई वस्तु, मुद्रा या नकदी नहीं निकाली।

- दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने जस्टिस वर्मा का जवाब CJI जस्टिस खन्ना को भेजा। साथ ही जस्टिस वर्मा के कॉल रिकॉर्ड को पेन ड्राइव में शेयर किया।

रात: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों की जांच के लिए तीन जजों की समिति बनाने का निर्देश दिया और जस्टिस वर्मा को सौंपे गए सभी न्यायिक कामों को सस्पेंड करने का आदेश दिया।

देर रात: सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर मामले से संबंधित संपादित दस्तावेज जारी करते हुए खुलासा किया।

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