Kangana Ranaut Defamation Case: किसान आंदोलन से जुड़े एक मानहानि मामले में फिल्म एक्ट्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद कंगना रनौत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार (12 सितंबर) को शिकायत रद्द करने से जुड़ी उनकी एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। इसके बाद कंगना ने अपनी याचिका वापस ले ली। इस याचिका में 2020-21 के किसान आंदोलन के संबंध में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उनके खिलाफ दर्ज शिकायत को रद्द करने से हाई कोर्ट के इनकार को चुनौती दी गई थी। सु्प्रीम कोर्ट ने कहा, "यह केवल साधारण रीट्वीट नहीं था। आपने इसमें 'मिर्च मसाला' लगा दिया था।"
2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का मामला सुप्रीम कोर्ट कोर्ट में था। कंगना पर आरोप है कि उन्होंने महिला किसान महिंदर कौर पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद महिंदर कौर ने उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। सांसद ने इस शिकायत को रद्द करने के लिए चंडीगढ़ हाईकोर्ट का रुख किया। लेकिन वहां से राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
सुप्रीम कोर्ट में कंगना का तर्क
शुक्रवार को यह मामला जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। पीठ ने सुनवाई में अनिच्छा दिखाते हुए कहा कि ट्वीट या रीट्वीट की व्याख्या पर कम से कम रद्द करने की याचिका में विचार नहीं किया जा सकता। कंगना के वकील ने पीठ से कहा कि अभिनेत्री ने ट्वीट को रीट्वीट किया था। वकील ने कहा, "उन्होंने बस ट्वीट को रीट्वीट किया था। मूल ट्वीट में पहले ही अन्य लोगों के अनेक रीट्वीट थे।"
जस्टिस मेहता ने कहा, "पेज 35 पर अपनी टिप्पणियों के बारे में आप क्या कहते हैं? जैसा कि आप कहते हैं, यह कोई साधारण रीट्वीट नहीं है। आपने कुछ जोड़ा था, आपने पहले की बात में मिर्च मसाला डाला था।" जब वकील ने रीट्वीट का जिक्र किया तो पीठ ने कहा, "इसका क्या मतलब है? यह तो मुकदमे का विषय है।"
पीठ ने कहा कि वह पेश होने से छूट का अनुरोध कर सकती हैं। वकील ने कहा कि निचली अदालत ने मामले में रनौत को समन जारी करते समय उनके स्पष्टीकरण पर विचार नहीं किया। पीठ ने कहा, "हो सकता है कि शिकायतकर्ता ने इसे दायर न करने का फैसला किया हो। यह आपके लिए एक वैध बचाव हो सकता है।"
कोर्ट ने आगे कहा, "पेज 35 पर जो लिखा गया है, उस पर हमें टिप्पणी करने के लिए न कहें। इससे आपके मुकदमे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हमें टिप्पणी करने के लिए न कहें। आपके पास एक वैध बचाव हो सकता है, हम उस पर विचार नहीं कर रहे हैं। लेकिन ऐसा करने के और भी तरीके हैं।"
फिर जस्टिस नाथ ने वकील से पूछा कि क्या याचिकाकर्ता अपनी याचिका वापस लेना चाहती हैं। इस पर वकील ने कहा, "मेरी मुवक्किल याचिका वापस लेंगी।" तब पीठ ने इसकी अनुमति दे दी।
अभिनय से राजनीति में आईं कंगना ने अपने खिलाफ शिकायत को रद्द करने से इनकार करने के पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने मानहानि की शिकायत को चुनौती दी जो उनके उस रीट्वीट पर आधारित थी जिसमें अब निरस्त हो चुके कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान एक महिला प्रदर्शनकारी के बारे में उनकी अपनी टिप्पणी शामिल थी।
73 वर्षीय शिकायतकर्ता महिंदर कौर पंजाब के बठिंडा जिले के बहादुरगढ़ जांडियान गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने जनवरी 2021 में बठिंडा में शिकायत दर्ज कराई थी। बठिंडा की एक अदालत में उनकी शिकायत में दावा किया गया था कि अभिनेत्री ने एक रीट्वीट में उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए और टिप्पणियां की थीं जिनमें कहा गया था कि वह वही 'दादी' हैं जो शाहीन बाग में हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल थीं। कंगना के वकील ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि बठिंडा अदालत का समन आदेश अपराध प्रक्रिया संहिता का उल्लंघन होने के कारण टिकने योग्य नहीं है।