Crisis in Karnataka Congress: कर्नाटक कांग्रेस के अंदर की कलह एक बार फिर सामने आ गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 'नवंबर क्रांति' की खबरों को खारिज करते हुए गुरुवार (20 नवंबर) को इस शब्द को मीडिया की उपज बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी स्थिति शुरुआत से ही मजबूत रही है और भविष्य में भी ऐसी ही बनी रहेगी। कर्नाटक में संभावित नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें चल रही थीं।
खबरों में दावा किया जा रहा था कि सिद्धारमैया डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपना पद छोड़ सकते हैं। कुछ लोगों ने इस संभावित बदलाव को 'नवंबर क्रांति' का नाम दिया था। इस बीच, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डिप्टी चीफ मिनिस्टर डीके शिवकुमार के वफादार कई कर्नाटक मंत्री और विधायक नई दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं।
राज्य में चल रही सत्ता की खींचतान के बीच इन नेताओं के कांग्रेस नेतृत्व से मिलने की उम्मीद है।दरअसल, कर्नाटक में कांग्रेस सरकार नवंबर में ढाई साल पूरे करने जा रही है। इसे कुछ लोग 'नवंबर क्रांति' कह रहे हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ हुए 'ढाई साल' के कथित समझौते के अनुरूप शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की अटकलें तेज हैं।
तमाम चर्चाओं के बीच सिद्धारमैया ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा, "आपने (मीडिया ने) इस शब्द को गढ़ा है। आपने यह क्रांति'गढ़ी है। इसलिए, न कोई क्रांति है और न कोई भ्रांति..। हमें शासन करने के लिए पांच साल का कार्यकाल दिया गया है। पांच साल बाद, चुनाव होंगे और हम एक बार फिर जीतेंगे।"
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि लोगों ने कांग्रेस को पांच साल के लिए सत्ता सौंपी है। सत्ता बंटवारे की चर्चाओं पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, "लोगों ने हमें पांच साल तक शासन करने का जनादेश दिया है। हम ईमानदारी से उन पांच गारंटियों (गृह लक्ष्मी, शक्ति, गृह ज्योति, अन्न भाग्य और युवा निधि) को पूरा करने का प्रयास करेंगे जिनका हमने वादा किया है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या वह पूरे पांच साल तक पद पर रहेंगे? सिद्धारमैया ने कहा, "इसका क्या मतलब है? ये अनावश्यक चर्चाएं हैं। मैंने पार्टी आलाकमान को बताया था कि ढाई साल बीतने जरूरी थे। उसके बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल पर विचार किया जा सकता है। इसके बाद ही सत्ता-बंटवारे के बारे में ये चर्चाएं शुरू हुईं।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या मंत्रिमंडल में फेरबदल की कोई तारीख तय की गई है। तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ चर्चा कर रहे हैं। खबर है कि शिवकुमार के समर्थक विधायक कांग्रेस प्रमुख खड़गे से मिलकर अपनी मांग फॉर्मल तौर पर पेश करेगा। AICC जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल के साथ शुक्रवार 21 नवंबर को सुबह एक अहम मीटिंग तय है।