Karnataka Congress Crisis: कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बुधवार (19 नवंबर) को संकेत दिया कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ सकता है। लेकिन उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि वह पार्टी के "फ्रंटलाइन लीडरशिप रोल" में बने रहेंगे। शिवकुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर आयोजित एक पार्टी कार्यक्रम में कहा, "मैं रहूं या न रहूं, यह मायने नहीं रखता, लेकिन मैं अपने कार्यकाल में 100 पार्टी कार्यालय स्थापित करना चाहता हूं।"
जब कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनके अनिश्चित कार्यकाल पर चिंता व्यक्त की। तो उन्होंने कहा, "मैं इस पद पर स्थायी रूप से नहीं रह सकता। साढ़े पांच साल हो चुके हैं और मार्च में छह साल हो जाएंगे।" उन्होंने आगे कहा, "दूसरों को भी मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन मैं नेतृत्व में रहूंगा। चिंता मत करो, मैं फ्रंटलाइन में रहूंगा।"
शिवकुमार को मई 2020 में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि मई 2023 में उपमुख्यमंत्री बनने पर उनका पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का इरादा था। लेकिन कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने उन्हें कुछ और समय तक पद पर बने रहने के लिए कहा।
इससे पहले, अपने संबोधन में शिवकुमार ने पार्टी के लिए काम करते रहने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की। उन्होंने कहा, "मैं कहां हूं, यह महत्वपूर्ण नहीं है। मुझे विश्वास है कि कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में वापस आएगी। उम्मीद मत खोइए। हम सभी को उम्मीद पर जीना चाहिए और काम करते रहना चाहिए। हमें सत्ता मिलेगी, चिंता मत कीजिए। लेकिन इसे हासिल करने के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी।"
शिवकुमार की यह टिप्पणी मुख्यमंत्री पद में बदलाव की अटकलों के बीच आई है क्योंकि कांग्रेस सरकार इस महीने अपने पांच साल के कार्यकाल के आधे पड़ाव पर पहुंच रही है। इस अवधि को कुछ लोग 'नवंबर क्रांति' कह रहे हैं। इसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से शिवकुमार को सत्ता ट्रांफसर की अफवाहों का हवाला दिया गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने केपीसीसी नेतृत्व पर भी सवाल उठाए हैं।
एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 2023 में कहा था कि शिवकुमार 2024 के लोकसभा चुनावों तक केपीसीसी अध्यक्ष बने रहेंगे। लोक निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली और सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री के.एन. राजन्ना ने इस पद के लिए खुलकर अपनी इच्छा जताई है।
कार्यक्रम के बाद, शिवकुमार ने पत्रकारों से कहा कि वह जिम्मेदारी से बच नहीं रहे हैं। बल्कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में एक मिसाल कायम करने की कोशिश कर रहे हैं। शिवकुमार ने कहा, "मैं भागने वाला व्यक्ति नहीं हूं। मैं तब तक काम करता रहूंगा जब तक गांधी परिवार और कांग्रेस अध्यक्ष मुझे चाहेंगे।"