India-Pakistan News: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गीदड़भभकी देते हुए चेतावनी दी है कि भारत के साथ युद्ध से इनकार नहीं किया जा सकता। एक लोकल न्यूज चैनल से बात करते हुए आसिफ ने दावा किया कि पाकिस्तान में हाल के हमलों के पीछे भारत हो सकता है। हालांकि, उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया। आसिफ का यह बयान ऐसे समय आया है जब दिल्ली में आतंकी हमले को लेकर एक पाकिस्तानी नेता ने पाकिस्तान की भूमिका की बात कबूली है।
आसिफ ने कहा, "हम किसी भी हालत में न तो भारत को नजरअंदाज कर रहे हैं। और न ही उस पर भरोसा कर रहे हैं। मेरे एनालिसिस के आधार पर मैं भारत की तरफ से पूरी तरह से जंग या किसी भी दुश्मनी वाली स्ट्रेटेजी से इनकार नहीं कर सकता। इसमें बॉर्डर पर घुसपैठ या हमले (शायद अफगान) शामिल हैं। हमें पूरी तरह अलर्ट रहना होगा।"
उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान के अंदर नई अस्थिरता के बीच आई है। पड़ोसी देश में लगातार कई सुसाइड बॉम्बिंग और विद्रोही हमलों ने शहबाज सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है। पिछले महीने, पाकिस्तान ने सीमा पार आतंकवाद बढ़ने के लिए अफगानिस्तान और भारत को दोषी ठहराया है। जबकि घरेलू आलोचकों का कहना है कि मिलिटेंट प्रॉक्सी को बढ़ावा देने की उसकी नीतियां अब उसको ही उल्टी पड़ रही हैं।
पाकिस्तान ने हाल ही में अफगान नागरिकों पर अपनी जमीन पर दो बड़े सुसाइड बॉम्बिंग करने का आरोप लगाया। इससे काबुल में तालिबान एडमिनिस्ट्रेशन के साथ उसके पहले से ही बिगड़ते रिश्ते और खराब हो गए। इस्लामाबाद ने दावा किया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) समेत अफगान-बेस्ड मिलिटेंट्स ने सीमा पार से सपोर्ट लेकर हमले तेज कर दिए हैं।
पिछले सप्ताह, इस्लामाबाद में एक लोअर कोर्ट के बाहर एक सुसाइड बॉम्बर ने पुलिस पेट्रोल के पास खुद को उड़ा लिया। इसमें 12 लोग मारे गए और 27 अन्य घायल हो गए। आसिफ ने इस बॉम्बिंग को पाकिस्तान के लिए एक 'वेक-अप कॉल' बताया।
हालांकि, अंदरूनी सुरक्षा में चूक को मानने के बजाय रक्षा मंत्री ने अपना ध्यान भारत की ओर मोड़ दिया। एक जाने-पहचाने तरीके से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नई दिल्ली पर 'इंडियन-स्पॉन्सर्ड टेरर प्रॉक्सी' के जरिए हमलों को करवाने का आरोप लगाया।
भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए उन्हें बेबुनियाद बताया। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान की लीडरशिप जानबूझकर अपनी अंदरूनी उथल-पुथल से ध्यान हटाने के लिए बातें बना रही है।
इस्लामाबाद से युद्ध की यह ताजा बयानबाजी भारत के ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही महीनों बाद आई है। भारत अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी झटका दिया था, जिसमें 26 आम लोग मारे गए थे।
लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक ग्रुप, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली। इसके बाद भारत को कड़े डिप्लोमैटिक और मिलिट्री कदम उठाने पड़े। नई दिल्ली ने पहले इंडस वाटर्स ट्रीटी (IWT) को सस्पेंड किया। फिर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर सटीक एयरस्ट्राइक की।
'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेना ने 100 से ज्यादा आतंकवादियों को खत्म कर दिया। भारत ने बड़े आतंकी ग्रुप से जुड़ी कई खास जगहों पर हमला किया। इनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मरकज सुभान अल्लाह, मुर्दिके में लश्कर का मरकज तैयबा, बरनाला में मरकज अहले हदीस और कोटली एवं सियालकोट में हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकाने शामिल थे।