Varanasi: धर्म, अध्यात्म और संस्कृति की नगरी काशी आज वैश्विक पर्यटन के एक प्रमुख शहरों में से एक बन गई है। बुनियादी ढांचे में सुधार, बेहतर कनेक्टिविटी और 'काशी विश्वनाथ कॉरिडोर' के निर्माण ने इस प्राचीन शहर की कायाकल्प कर दी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, काशी में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या ने अब तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए है। साल 2025 में वाराणसी पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या 14.69 करोड़ के पार पहुंच गई है, जो 2014 के मुकाबले 25 गुना से भी ज्यादा है।
2014 से 2025 तक एक दशक में दिखा गजब का बदलाव
वाराणसी के पर्यटन के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं लगता। साल 2014 में जहां केवल 54.89 लाख पर्यटक काशी आए थे, वहीं 2025 (सितंबर तक) में यह संख्या बढ़कर 14,69,75,155 हो गई है। 2014 से लेकर सितंबर 2025 के बीच कुल 45.44 करोड़ से ज्यादा भारतीय और विदेशी पर्यटकों ने काशी की गलियों और घाटों की सैर की है। पिछले 11 वर्षों में वाराणसी ने लगभग 28.7 लाख विदेशी पर्यटकों की मेजबानी की है, जिससे शहर की अंतरराष्ट्रीय पहचान और मजबूत हुई है।
विश्वनाथ कॉरिडोर का दिखा असर
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी के सांसद बनने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वाराणसी का कायाकल्प हुआ है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं विश्वस्तरीय हो गई हैं। सड़क, रेल और हवाई मार्ग के कनेक्टिविटी ने पर्यटकों के लिए काशी पहुंचना बहुत आसान बना दिया है। गंगा की लहरों पर क्रूज की सवारी और वहां से गंगा आरती का नजारा पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण बन गया है।
नाविक से लेकर होटल मालिक तक सब खुश
पर्यटन में आए इस उछाल ने वाराणसी की स्थानीय अर्थव्यवस्था में नई जान फूंक दी है।होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट और हस्तशिल्प (जैसे बनारसी साड़ी) के क्षेत्र में हजारों नए रोजगार पैदा हुए हैं। काशी व्यापार संघ के अनुसार, इस भीड़ का फायदा केवल बड़े होटलों को ही नहीं, बल्कि छोटे दुकानदारों, नाविकों और रेहड़ी-पटरी वालों को भी मिल रहा है। पैसा सीधे समाज के हर तबके तक पहुंच रहा है। पर्यटन बढ़ने से हॉस्पिटालिटी और रियल एस्टेट सेक्टर में भी ऐतिहासिक निवेश देखा जा रहा है।
साल-दर-साल बढ़ता पर्यटकों का ग्राफ