Air Defence Systems: भारत और पाकिस्तान के बीच अप्रत्यक्ष रूप से वार-प्रतिवार जारी है। दोनों देश एक-दूसरे पर हमलों के लिए ड्रोन या फिर मिसाइलों का प्रयोग कर रहे है। इन हमलों से बचाव में एयर डिफेंस सिस्टम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। इसी सिस्टम की बदौलत बीती रात भारत ने पाकिस्तान के कई ड्रोन अटैक को जमीन पर पहुँचने से पहले ही नष्ट किया। इसके साथ ही लाहौर में स्थित पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को भी उड़ा दिया। इन सब के बीच सभी के मन में ये जिज्ञासा उमड़ रही है कि आखिर ये एयर डिफेंस सिस्टम होता क्या है? ये काम कैसे करता है और भारत और पाकिस्तान दोनों के देशों के पास ऐसे कौन-कौन से सिस्टम है? इस स्टोरी में हम आपको यही बताने जा रहे हैं।
पहले जानिए क्या होता है एयर डिफेंस सिस्टम?
एयर डिफेंस सिस्टम एक ऐसा तंत्र है जिसका उपयोग किसी देश या क्षेत्र को हवाई हमलों से बचाने के लिए किया जाता है। यह आधुनिक टेक्नॉलजी और हथियारों से लैस होता है। यह दुश्मन के विमानों, मिसाइलों, और ड्रोन जैसे हवाई खतरों का पता लगाने, ट्रैक करने और उन्हें हवा में ही नष्ट करने में सक्षम होता है। एयर डिफेंस सिस्टम कई प्रकार के होते है। देश अपनी सुविधा के अनुसार उनका इस्तेमाल करते है।
एयर डिफेंस सिस्टम काम कैसे करता है?
कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम चार चरणों में काम करता है। पहले यह रडार और सेंसर का उपयोग करके खतरे का पता लगाता है। एक बार किसी खतरे का पता चल जाता है, तो कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम उसकी गति, दिशा और प्रकार का विश्लेषण करता है। इसी स्टेज में यह पता चलता है कि खतरा ड्रोन है, मिसाइल है, या लड़ाकू विमान है। भारत का इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) इस कार्य को करता है। खतरे की पुष्टि होने के बाद, एयर डिफेंस सिस्टम अपनी मिसाइल या इंटरसेप्टर लॉन्च करता है। ये इंटरसेप्टर दुश्मन के लक्ष्य को हवा में ही नष्ट कर देते हैं।खतरे पर हमले के बाद, सिस्टम इसकी जांच करता है कि खतरा पूरी तरह से समाप्त हुआ है या नहीं।
भारत ने हाल के वर्षों में अपने रक्षा बजट में इजाफा करते हुए अपने डिफेंस मेकैनिज्म को काफी मजबूत बनाया है। भारत के पास एक बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है, जिसमें की प्रकार के स्वदेशी और आयातित सिस्टम शामिल हैं।
S-400 'सुदर्शन चक्र': भारत-पाक टेंशन के बीच इसकी खूब चर्चा है। भारत ने हाल के दिनों में इस सिस्टम की मदद से की पाकिस्तानी हमलों को इंटरसेप्ट किया है। यह रूस से खरीदा गया एक लंबी दूरी का सतह-से-हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। इसकी रेंज 400 किलोमीटर तक है और यह 600 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है। इसे दुनिया के सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है। साल 2018 में भारत ने रूस के साथ इसकी डील की और 2021 से इनकी डिलीवरी शुरू हुई।
आकाश: यह सिस्टम भारत में ही विकसित है, जो एक मध्यम दूरी का सतह-से-हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। इसकी रेंज लगभग 25-45 किलोमीटर है और यह लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट कर सकता है।
बराक-8: इसे भारत और इजराइल ने संयुक्त रूप से विकसित किया हुआ है। यह एक एक मध्यम से लंबी दूरी का सतह-से-हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। इसकी रेंज 70 किलोमीटर से अधिक है और इसे सेना, नौसेना और वायुसेना के बेड़ों में शामिल किया गया है।
स्पाइडर: यह इजराइल से खरीदा गया एक लो रेंज का सतह-से-हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। यह क्विक रिस्पांस करने में सक्षम है और विमानों, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को निशाना बना सकता है।
पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम
पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम मुख्य रूप से चीन पर निर्भर है। उसके पास चीन में निर्मित रक्षा प्रणालियां है। HQ-9 एक लंबी दूरी का सतह-से-हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। इसकी नॉर्मल रेंज लगभग 120 किलोमीटर है, जबकि इसके अपडेटेड वर्जन की रेंज 300 किलोमीटर तक बताई जाती है। ऐसे ही HQ-16 भी चीन में निर्मित एक मध्यम दूरी का सतह-से-हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है, जिसकी रेंज लगभग 40 किलोमीटर है। स्पैडा 2000 जो फ्रांस निर्मित एक कम दूरी का एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम है, जिसकी रेंज 20-25 किलोमीटर है। इसका उपयोग वायुसेना के ठिकानों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा के लिए किया जाता है। हालांकि पाकिस्तान के इन एयर डिफेंस सिस्टम की विश्वसनीयता पर हालिया संदर्भों में सवाल खड़े हुए है।